Category: असम्भव को सम्भव करने वाले प्रचण्ड तेजस्वी भारतीय सन्त

(भाग – 3) शरीर के किसी भी रोगों के कारण टोक्सिंस (विष) को इस तरह विषहर्ता भगवान शिव को समर्पित करके बनिए रोगमुक्त (श्री कृष्ण चन्द्र पाण्डेय जी आत्मकथा)

गृहस्थ संत परम आदरणीय श्री कृष्ण चन्द्र पाण्डेय जी भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त थे (श्री पाण्डेय जी का संक्षिप्त जीवन परिचय जानने के लिए कृपया उनसे सम्बन्धित पूर्व प्रकाशित आर्टिकल्स को पढ़ें...

(भाग – 2) जानिये कैसे, आँखों से गायब होती रौशनी अचानक वापस लौटी (श्री कृष्ण चन्द्र पाण्डेय जी आत्मकथा)

आजकल लोगों को आँखों से सम्बन्धित तरह – तरह की बीमारियाँ बहुत हो रही हैं और जिनके प्रमुख कारण हैं- डायबिटिज, एलोपैथिक दवाओं के साइड इफेक्ट्स, किसी तरह का नशा करना, केमिकल व प्रिजर्वेटिव...

(भाग – 1) रूद्र के अंश गृहस्थ अवतार श्री कृष्ण चन्द्र पाण्डेय जी

सबसे पहले हम अपने सभी आदरणीय पाठको को बताना चाहेंगे कि “स्वयं बनें गोपाल” समूह की स्थापना में जिन दिव्य ऋषि सत्ताओं द्वारा प्रदत्त विशेष ज्ञान व स्नेह का आधार हैं, उनमें से एक...

श्री मालवीय जी जिन्हें शिव का अवतार मानते थे ऐसे दिगम्बर बाबा श्री हरिहर जी

भारत भूमि का पृथ्वी पर अपना एक विशिष्ट स्थान है क्योंकि यहाँ एक से बढ़कर एक दिव्य तीर्थ स्थल हैं (जैसे – हिमालय, वृन्दावन, जगन्नाथपुरी, अयोध्या, विन्ध्याचल, द्वारिका, रामेश्वरम, काशी आदि) और इन सभी...

ये शरीर मरा तो, कारण शरीर जूझ गया (युग पुरुष के अथक प्रयास की महा गाथा)

युग पुरुष के पञ्च तत्वों का बना शरीर अपनी अन्तिम साँसे गिन रहा था ! समय था 2 जून 1990 (गायत्री जयंती) सुबह 8 बजे, गुरु माता जी का दाहिना हाथ अपने हाथ में...

गंगा जिनके चरण छूती ऐसे शिव के अवतार श्री बाबा कीनाराम

कुछ मनीषियों का कहना है की वाराणसी स्थित क्रीं कुण्ड अपने में कई तीर्थों का सार स्वरुप है और इसलिए परम आदरणीय श्री बाबा कीना राम ने इसे अपनी अन्तिम निवास स्थली बनायीं !...

जिनका नाम दुनिया ने खेपा (पागल) रखा, माँ जगदम्बा ने उन्हें गोद में खिलाया

सन 1868 की एक महारात्री को बंगाल के तारा पीठ के महा श्मशान घाट में साधू श्री ब्रजबासी ने एक सेमल वृक्ष के नीचे बालक श्री वामा खेपा को बैठाते हुए कहा-` तुम्हे जो...

मृत गाय माता का पुर्नजन्म

संत अपनी योग विभूतियों को जगजाहिर नहीं करते लेकिन जरुरत पड़ने पर कृपा करने से पीछे भी नहीं हटते। मिथिला के बनगाँव के श्री कारी खाँ ने स्वामी जी को दूध पीने के लिए...

प्रचण्ड तेजस्वी सन्त – भाग 1

तैलंग स्वामी – ये बड़े उच्चकोटि के संत थे। वे 260 साल तक धरती पर रहे। रामकृष्ण परमहंस ने उनके काशी में दर्शन किये तो बोलेः “साक्षात् विश्वनाथ जी इनके शरीर में निवास करते...

प्रचण्ड तेजस्वी सन्त – भाग 2

रामकृष्ण परमहंस – भारत के एक महान संत एवं विचारक थे। उन्हें बचपन से ही विश्वास था कि ईश्वर के दर्शन हो सकते हैं। अतः ईश्वर की प्राप्ति के लिए उन्होंने कठोर साधना और...

प्रचण्ड तेजस्वी सन्त – भाग 3

आदि शंकराचार्य- हिन्दू धार्मिक मान्यता के अनुसार इनको भगवान शंकर का अवतार माना जाता है। इन्होंने लगभग पूरे भारत की यात्रा की और इनके जीवन का अधिकांश भाग उत्तर भारत में बीता। चार पीठों...

प्रचण्ड तेजस्वी सन्त – भाग 4

महर्षि अरविन्द – इनका मूल नाम अरबिंदो घोष है । आधुनिक काल में भारत में अनेक महान क्रांतिकारी और योगी हुए हैं, अरबिंदो घोष उनमें अद्वितीय हैं। अरविंदो घोष कवि और भारतीय राष्ट्रवादी थे...

प्रचण्ड तेजस्वी सन्त – भाग 5

चैतन्य महाप्रभु – भक्तिकाल के प्रमुख कवियों में से एक हैं। इन्होंने वैष्णवों के गौड़ीय संप्रदाय की आधारशिला रखी। भजन गायकी की एक नयी शैली को जन्म दिया तथा राजनीतिक अस्थिरता के दिनों में...

प्रचण्ड तेजस्वी सन्त – भाग 6

श्री गोपीनाथ कविराज – ये संस्कृत के विद्वान और महान दार्शनिक थे। योग और तंत्र के प्रकांड विद्वान डॉ. गोपीनाथ कविराज का जन्म 7 सितम्बर 1887 ई. में ढाका (अब बंगलादेश में) ज़िले के...

आधुनिक भारत के आदरणीय सन्त गण

  श्री स्वामी राजेन्द्र दास जी महाराज – बाबा राजेन्द्र दास जी महाराज की गणना भारत के उच्तम विद्वानो में से की जाती है। ये वृन्दावन में स्थित गोपेश्वर महादेव मन्दिर के निकट मलूक पीठ के अध्यक्ष...