इस ब्रहमांड को बनाने में गायत्री मन्त्र इस्तेमाल हुआ है

3143417443_d1107a2f24_oप्राचीन भारत के ज्ञान विज्ञान के मूर्धन्य जानकार श्री डॉक्टर सौरभ उपाध्याय जी बताते हैं की, ब्रह्माण्ड के निर्माता श्री ब्रह्मा जी ने गायत्री मन्त्र की अनन्त शक्ति पर अनुसन्धान कर इस ब्रह्माण्ड का निर्माण किया है और यह ब्रह्माण्ड इसी मन्त्र की शक्ति से निरन्तर विस्तार को प्राप्त भी कर रहा है (हालाँकि ये बाद में संकुचन को भी प्राप्त होगा) !

इसलिए इस मन्त्र को आदि मन्त्र भी कहा जाता है !

मन्त्र चाहे संस्कृत में हों या हिन्दी चौपाई में, उसको गलत जपने पर अनर्थ होने की सम्भावना होती है क्योंकि कोई भी मन्त्र उससे सम्बंधित देवता के विशेष कार्यार्थ हेतु विशेष स्वरुप होता है और उस मन्त्र का गलत उच्चारण होने पर उससे सम्बंधित देवता को पीड़ा पहुचती है ! शुरू में देवता उस गलती को, क्षमा और दया के स्वभाव की वजह से बार बार माफ़ करते जाते हैं पर ऐसा हमेशा होता रहे, ये जरूरी नहीं है !

इस कलियुग में लोगों की हर काम करने की क्षमता तेजी से घटती जा रही है ऐसे में शुद्धता पूर्वक मन्त्र जप की शक्ति भी बहुत कम लोगों के पास देखने को मिलती है ! कई पंडित पुरोहित लोग जो सिर्फ पैसा कमाने के लिए पंडित बने हैं, वो किसी भी पूजा पाठ करने के लिये बस किताब खरीद कर कठिन मन्त्रों का उटपटांग जप करना शुरू कर देते हैं, जिससे उनकी पूजा का कोई फायदा तो नहीं मिलता अलबत्ता नुकसान जरूर हो सकता है !

इसलिए इस कलियुग में भगवान् के भजन और नाम जप पर विशेष जोर दिया जाता है क्योंकि एक तो इसमें गलती होने की सम्भावना बहुत ही कम होती है और दूसरा की इसमें क्रिया नहीं भावना मायने रखती है मतलब आप भगवान् को क्या अर्पण कर रहे हैं ये मायने नहीं रखता बल्कि ये मायने रखता है की कितने प्रेम से अर्पित कर रहे हैं !

अब इसमें भी एक व्यवहारिक समस्या यह आती है की हर समय घर गृहस्थी के झंझट में फंसा परेशान आदमी शुरू में रोज रोज कैसे खूब भक्ति भाव में डूब कर भजन या नाम जप कर सकता है ?

तो इसके बारे में स्वयं भगवान् ने कहा की मुझे अपने “प्रेमी” और “नेमी” दोनों तरह के भक्त समान रूप से पसन्द हैं ! प्रेमी मतलब ऐसे साधू सन्यासी जो हर समय भगवान् के भजन कीर्तन में व्यस्त रहते हैं और नेमी मतलब वो घर परिवार वाला गृहस्थ व्यक्ति जो अपने गृहस्थ धर्म का पालन करते हुए रोज थोड़ा समय निकाल कर भगवान् को याद कर लेता है !

गायत्री मन्त्र एक ऐसा मन्त्र है जो हर परिस्थिति में सिर्फ फायदा करना ही जानता है ! हालांकि इस मन्त्र को जपने के लिए भी एक पूरा विधि विधान है पर बिना विधि विधान और अशुद्ध जप से भी सिर्फ फायदा ही मिलता है ! बहुत ही पॉजिटिव (सकरात्मक) उर्जा निकलती है इस मन्त्र के जप से, और यह उर्जा पूरे शरीर में समां जाती है जिससे शरीर का बहुत भला होता है तथा सभी रोगों का नाश होता है ! इस मन्त्र को शुद्धता से जपने पर तो जबरदस्त फायदा मिलता है और व्यक्ति को जीवन में धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की निश्चित प्राप्ति होती है !

इसलिए इस मन्त्र को कल्प वृक्ष कहा जाता है क्योंकि इस मन्त्र से दुनिया की कौन सी ऐसी मनोकामना है जो पूरी नहीं हो सकती है !

गायत्री मन्त्र को जपने की विधि और उच्चारण सही से जानने के लिए शांतिकुंज गायत्री परिवार, हरिद्वार से सम्पर्क किया जा सकता है, वैसे गायत्री परिवार की शाखा भारत के लगभग हर शहर में स्थापित हो चुकी है इसलिए अपने जिले की शाखा से भी सम्पर्क किया जा सकता है !

(अन्य महत्वपूर्ण हिंदी आर्टिकल्स एवं उन आर्टिकल्स के इंग्लिश अनुवाद को पढ़ने के लिए, कृपया नीचे दिए गए लिंक्स पर क्लिक करें)-

ऋषि सत्ता की आत्मकथा (भाग 4): सभी भीषण पापों (जिनके फलस्वरूप पैदा हुई सभी लाइलाज शारीरिक बिमारियों व सामाजिक तकलीफों) का भी बेहद आसान प्रायश्चित व समाधान है यह विशिष्ट ध्यान साधना

ऋषि सत्ता की आत्मकथा (भाग – 3): सज्जन व्यक्ति तो माफ़ कर देंगे किन्तु ईश्वर कदापि नहीं

ऋषि सत्ता की आत्मकथा (भाग – 2): चाक्षुषमति की देवी प्रदत्त ज्ञान

ऋषि सत्ता की आत्मकथा (भाग – 1): पृथ्वी से गोलोक, गोलोक से पुनः पृथ्वी की परम आश्चर्यजनक महायात्रा

क्या एलियन से बातचीत कर पाना संभव है ?

क्या अमेरिकी वैज्ञानिक पूरा सच बोल रहें हैं बरमूडा ट्राएंगल के बारे में

जिसे हम उल्कापिंड समझ रहें हैं, वह कुछ और भी तो हो सकता है

एलियन्स कैसे घूमते और अचानक गायब हो जाते हैं

यू एफ ओ, एलियंस के पैरों के निशान और क्रॉस निशान मिले हमारे खोजी दल को

यहाँ कल्पना जैसा कुछ भी नहीं, सब सत्य है

जानिये, मानवों के भेष में जन्म लेने वाले एलियंस को कैसे पहचाना जा सकता है

क्यों गिरने से पहले कुछ उल्कापिण्डो को सैटेलाईट नहीं देख पाते

आखिर एलियंस से सम्बन्ध स्थापित हो जाने पर कौन सा विशेष फायदा मिल जाएगा ?

जानिये कौन हैं एलियन और क्या हैं उनकी विशेषताएं

सावधान, पृथ्वी के खम्भों का कांपना बढ़ता जा रहा है !

क्या एलियन्स पर रिसर्च करना वाकई में खतरनाक है

Is it possible to interact with aliens?

Are American Scientists telling the complete truth about Bermuda Triangle ?

What we consider as meteorites, can actually be something else as well

Our research group finds U.F.O. and Aliens’ footprints

How aliens move and how they disappear all of sudden

Who are real aliens and what their specialties are

Why satellites can not see some meteorites before they fall down

कृपया हमारे फेसबुक पेज से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

कृपया हमारे यूट्यूब चैनल से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

कृपया हमारे ट्विटर पेज से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

कृपया हमारे ऐप (App) को इंस्टाल करने के लिए यहाँ क्लिक करें


डिस्क्लेमर (अस्वीकरण से संबन्धित आवश्यक सूचना)- विभिन्न स्रोतों व अनुभवों से प्राप्त यथासम्भव सही व उपयोगी जानकारियों के आधार पर लिखे गए विभिन्न लेखकों/एक्सपर्ट्स के निजी विचार ही “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान की इस वेबसाइट/फेसबुक पेज/ट्विटर पेज/यूट्यूब चैनल आदि पर विभिन्न लेखों/कहानियों/कविताओं/पोस्ट्स/विडियोज़ आदि के तौर पर प्रकाशित हैं, लेकिन “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान और इससे जुड़े हुए कोई भी लेखक/एक्सपर्ट, इस वेबसाइट/फेसबुक पेज/ट्विटर पेज/यूट्यूब चैनल आदि के द्वारा, और किसी भी अन्य माध्यम के द्वारा, दी गयी किसी भी तरह की जानकारी की सत्यता, प्रमाणिकता व उपयोगिता का किसी भी प्रकार से दावा, पुष्टि व समर्थन नहीं करतें हैं, इसलिए कृपया इन जानकारियों को किसी भी तरह से प्रयोग में लाने से पहले, प्रत्यक्ष रूप से मिलकर, उन सम्बन्धित जानकारियों के दूसरे एक्सपर्ट्स से भी परामर्श अवश्य ले लें, क्योंकि हर मानव की शारीरिक सरंचना व परिस्थितियां अलग - अलग हो सकतीं हैं ! अतः किसी को भी, “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान की इस वेबसाइट/फेसबुक पेज/ट्विटर पेज/यूट्यूब चैनल आदि के द्वारा, और इससे जुड़े हुए किसी भी लेखक/एक्सपर्ट के द्वारा, और किसी भी अन्य माध्यम के द्वारा, प्राप्त हुई किसी भी प्रकार की जानकारी को प्रयोग में लाने से हुई, किसी भी तरह की हानि व समस्या के लिए “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान और इससे जुड़े हुए कोई भी लेखक/एक्सपर्ट जिम्मेदार नहीं होंगे ! धन्यवाद !