यू एफ ओ, एलियंस के पैरों के निशान और क्रॉस निशान मिले हमारे खोजी दल को
जैसा कि हमने पूर्व के कई लेखों (उनमें से कुछ लेखों के लिंक्स नीचे दिए गएँ हैं) में बताया था कि अगस्त 2016 के प्रथम सप्ताह में उदय होने वाला यह नक्षत्र इस बार महामारक है और यह बेहद दुर्लभ भी हैं क्योंकि यह हजारों साल में सिर्फ एक ही बार उदय होता है लेकिन जब भी उदय होता है, तो उदय होने के महीनों पहले से उदय होने के कई महीनों बाद तक भयानक उलट पलट करता रहता है !
वैज्ञानिकों के लिए अबूझ बनें हैं हमारे द्वारा प्रकाशित तथ्य
जैसा कि हमने पूर्व के उन लेखों में विस्तार से बताया था कि ऋषि सत्ता से प्राप्त जानकारीनुसार इस बार उदय होने वाला यह नक्षत्र कई बड़ी प्राकृतिक आपदाओं जैसे भीषण गर्मी, भीषण बाढ़, राजनैतिक तख्ता पलट, देशों के बीच युद्ध, रहस्यमय महामारी फैलना, उल्का पिण्ड गिरना और प्रलयंकारी भूकम्प आदि के अलावा बड़े पैमाने पर व्यक्तिगत जिंदगी की तकलीफों जैसे बीमारी, एक्सीडेंट, धनहानि या धन की कमी, सामाजिक अपमान आदि को भी पैदा करेगा !
इसमें से कई बातें अब धीरे धीरे सही साबित होती जा रहीं हैं, जैसे –
इस साल भीषण गर्मी पड़ी और भारत में कई जगह तापमान 50 डिग्री के भी पार गया (ऋषि सत्ता कि इस भविष्यवाणी को हमने 2 अप्रैल 2016 में ही ‘स्वयं बने गोपाल’ समूह के फेसबुक पेज के माध्यम से पब्लिश कर दिया था) !
इसके अलावा लगभग आधे भारत में भीषण बाढ़ आई और अभी अर्थात अगस्त प्रथम सप्ताह में, पश्चिम भारत अर्थात महाराष्ट्र और गुजरात में भी हर साल कि तुलना में उम्मीद से परे बारिश और बाढ़ ने कहर मचा रखा है (हमने 11 मई और 30 अप्रैल 2016 को ही ‘स्वयं बने गोपाल’ समूह के फेसबुक पेज के माध्यम से ऋषि सत्ता कि इस भविष्यवाणी और नीचे लिखी अन्य सभी भविष्यवाणियों को जो कि धीरे धीरे सही साबित होती जा रहीं, पब्लिश कर दिया था, इन भविष्यवाणियों के बारे में विस्तार से जानने के लिए, आप हमारे फेसबुक में ऊपर लिखी बैक डेट के पोस्ट्स ओपेन कर सकते हैं) !
कुछ दिनों पहले टर्की देश में राजनैतिक तख्ता पलट की कोशिश हुई और अभी भारत के पड़ोस में भी तख्ता पलट हो सकने कि सुगबुगाहट सुनने को मिल रही है !
अभी कुछ दिनों पहले भारत के उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के पास एक उल्का पिण्ड गिरा भी जिसे वहां के उपजिलाधिकारी ने जांच के लिए भेज दिया !
तथा कुछ देशों में अन्दर ही अन्दर तनातनी इस कदर बढ़ चुकी है कि कभी भी उनके बीच युद्ध शुरू हो जाय, इस बात कि संभावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है !
और अगर हम बात करें भूकंप कि, तो आजकल के मॉडर्न साइंस के वैज्ञानिक अनुमान लगा रहें है कि, भूकम्प उत्तर भारत में 1 दिन से लेकर अगले 500 साल में कभी भी आ सकता है, पर इस नक्षत्र कि भीषणता को देखकर ऐसा नहीं लगता !
क्योंकि ऋषि सत्ता से प्राप्त जानकारीनुसार यह भीषण नक्षत्र जब जब उदय हुआ है बिना कयामत ढाए नहीं गया है अतः पूरी आशंका है कि यह नक्षत्र एक प्रलयंकारी भूकम्प इसी साल भारत में लायेगा ही !
और इतना ही नहीं इस नक्षत्र कि भूमिका अब हमें इस वास्तविक दुनिया में भी देखने को मिलने लगी हैं जैसे “स्वयं बने गोपाल” समूह के खोजी दल (जिसमे विद्वान स्वयंसेवी इंजिनियर्स, अर्थशास्त्री, प्रोफेसर आदि शामिल हैं और जिसका नेतृत्व श्री डॉक्टर सौरभ उपाध्याय जी कर रहे थे), को उत्तर पूर्व भारत में ‘सीहोर’ निशान (संलग्न फोटोग्राफ्स देखें) दिखाई दिया !
इस तरह का क्रॉस के रूप में बना विशाल ‘सीहोर’ निशान हमने पहले कभी नहीं देखा था और ना ही किसी प्राचीन भारतीय ग्रन्थ में इसके बारे में पढ़ा था !
जांच पड़ताल करने पर पता चला कि जिस जमीन पर वो क्रॉस का निशान बना था, उस जमीन के मालिक को भी पता नहीं था कि वो विशाल निशान कब, कैसे और किसके द्वारा उसकी जमीन पर बनाया गया था !
उच्च कोटि के दिव्य दृष्टि प्राप्त सन्त समाज से संपर्क करने पर पता चला कि यह क्रॉस का निशान “सीहोर” कहलाता है और यह सीहोर निशान देवताओं के द्वारा, पृथ्वी के मानवों को दिया गया चेतावनी संकेत है कि, अब से सुधर जाओ और रोज जो बेधड़क अनाचार (झूठ बोलना, मांस मछली अंडा खाना, अनैतिक कमाई करना, व्याभिचार आदि) कर रहे हो उसे तुरंत रोक दो नहीं तो हम सभी देवता मिलकर भी, प्रकृति अर्थात महामाया को तुम मानवों पर क्रोध करने से रोक नहीं पायेंगे !
संत समाज ने बताया कि सप्तर्षि समेत सभी ऋषि गण और देव गण, ईश्वर के बनाए हुए अनन्त ब्रह्मांडों में सत्व, रज और तम गुणों में साम्यता बनी रहे, इसी का लगातार प्रयास करते रहते हैं क्योंकि उन्हें ऐसा करने का स्वयं ईश्वर का निर्देश होता है !
सीहोर के निशान के जांच पड़ताल के दौरान ही ‘स्वयं बने गोपाल’ समूह के खोजी दल को रात में वहां से काफी दूरी पर आसमान में कुछ रोशनी के बिंदु असामान्य हरकत करते हुए दिखाई दिए जिन्हें हमने तत्काल अपने मोबाइल कैमरे में रिकॉर्ड कर लिया (नीचे संलग्न विडियोज देखें) !
अपने अब तक के ब्रह्माण्ड और एलियंस के खोज के अनुभव के आधार पर हमारे खोजी दल ने निष्कर्ष निकाला कि ये रोशनी के बिंदु यू. एफ. ओ. ही थे !
और सबसे बड़े आश्चर्य कि बात यह देखने को
मिली कि सीहोर के निशान से थोड़ी ही दूर पर एक विशाल जीव के पंजों के निशान मिले (संलग्न चित्र देखें) जो निश्चित रूप से इस पृथ्वी के किसी भी ज्ञात जीव के तो नहीं हैं !
जिस जीव के पंजों के निशान इतने विशाल हों (लगभग 6.5 फीट लम्बे) तो वो जीव कितना बड़ा होगा इससे अंदाजा लगाया जा सकता है !
वो जीव कौन था और वो किसी दूसरे लोक या किसी दूसरे आयाम से आया था, इसकी जानकारी अभी हमें नहीं हैं पर निश्चित रूप से सैकड़ों अबूझ रहस्यों से भरी दूसरी दुनिया के प्राणियों से सम्बंधित इन सबूतों को खोज निकालने को, एक महत्वपूर्ण खोज कही जा सकती है !
आदरणीय संत समाज से इन सारी बातों के बारे में पूछने पर सारांश रूप में केवल इतना ही जवाब मिला कि बस अभी इतना जान लो कि आने वाले इस महापरिवर्तन के युग में अभी बहुत सी उठा पटक होना बाकि है ! सर्वत्र फैले इस पाप मय वातावरण से धरती कराह रही है खासकर मांसाहार से जिसकी वजह से प्रतिदिन असंख्य निर्दोष मासूम जीवों की हत्या कर उनका रक्त, जगतमाता अर्थात इस धरती पर गिराया जा रहा है, दिन दूना रात चौगुना रफ़्तार से बढ़ती इन तामसिक प्रवित्तियों से प्रकृति बहुत ही क्रोधित हो चुकी है और अगर वक्त रहते मानवों के अन्दर मानवता की पुनर्स्थापना नहीं हुई तो परिणाम कल्पना से भी परे गम्भीर होने वाले हैं !
(ब्रह्माण्ड व एलियंस सम्बंधित हमारे अन्य हिंदी आर्टिकल्स एवं उन आर्टिकल्स के इंग्लिश अनुवाद को पढ़ने के लिए, कृपया नीचे दिए गए लिंक्स पर क्लिक करें)-
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