क्या एलियन से बातचीत कर पाना संभव है ?
(लम्बे समय से ब्रह्मांड सम्बंधित सभी पहलुओं पर रिसर्च करने वाले “स्वयं बनें गोपाल” समूह से जुड़े कुछ शोधकर्ताओं के निजी विचार)-
वैज्ञानिकों के लिए अबूझ बनें हैं हमारे द्वारा प्रकाशित तथ्य
किसी भी व्यक्ति के जीवन में कभी भी ऐसी स्थिति अचानक से आ सकती है कि वह किसी उपलब्धि को पाने के लिए बहुत दिन से कोशिश करता रहता है पर उसे सफलता नहीं मिल पाती है, पर अचानक से घटनाक्रम में ना जाने क्या परिवर्तन होता है कि उसे वह उपलब्धि मिलने की बजाय उससे कई गुना बड़ी उपलब्धि मिल जाती है जिसे पाकर वह ख़ुशी से निहाल हो उठता है !
इस तरह के सुखद संयोग अलग अलग व्यक्तियों के साथ अलग अलग क्षेत्रों में हो सकता है !
इस तरह के सुखद संयोग किन्ही शोधकर्ताओं के साथ भी हो सकता है !
इसी तर्ज पर एलियंस से सम्पर्क करने के लिए परम उत्सुक किसी शोधकर्ता का अचानक से वाकई में किसी एलियन से सम्पर्क भी हो सकता है पर ये सम्पर्क आगे भी होता रहेगा या नहीं, यह पूरी तरह से एलियन की इच्छा पर ही निर्भर करता है (जैसा कि हमने पूर्व के कई लेखों में खुलासा किया है कि वास्तविक एलियंस “ ग्रे ” नहीं बल्कि नाग, यक्ष, गन्धर्व, किन्नर, किरात, विद्याधर, ऋक्ष, पितर, देवता, दिक्पाल आदि होतें हैं; इन लेखों में से कुछ लेखों के लिंक्स नीचे दिए गयें हैं) !
पर उस स्थिति के बारे में क्या कहा जाए, जब किसी छोटे से छोटे एलियन से सम्पर्क करने के लिए उत्सुक मानवों का सम्पर्क अचानक से सर्वोच्च शक्तिशाली एलियन से हो जाए (सर्वोच्च शक्तिशाली एलियंस के बारे में हमने पूर्व के कई लेखों में बताया है कि ये ईश्वर के ही रूप, ईश्वर के साथी गण होतें हैं जो ईश्वर के ही लोक में निवास करतें हैं ! हमने अपने पूर्व के लेखों में यह भी बताया है कि सर्वोच्च स्तर के एलियन सिर्फ उन्ही मानवों से सम्पर्क करतें हैं जिनमे मानवीय गुणों का दिखावटी नहीं, बल्कि वास्तविक मजबूत संग्रह हो ; इन लेखों के लिंक्स नीचे दिए गएँ हैं) !
इस उपलब्धि के सुख का वर्णन करना तब और मुश्किल होता है जब सर्वोच्च स्तर के एलियन उन मानवों को पिता के समान स्नेह के आवरण में ले लें और उन मानवों को नित्य अद्भुत ज्ञान भी प्रदान करें !
सर्वोच्च शक्तिशाली एलियंस अगर अपने कृपा पात्र मानवों पर मेहरबान हैं तो वे मानवों के सामने ही (दृश्य या अदृश्य रूप में) बैठकर, ठीक उसी तरह कई घंटे तक बातचीत कर सकतें हैं जैसे कोई दो मानव आमने सामने बैठकर आपस में सुखपूर्वक बातचीत करतें हैं (यह बातचीत की सारी प्रक्रिया सामान्यतया सूक्ष्म स्तर/ध्यानावस्था में होती है) !
बातचीत करने वाले मानवों के मन में अगर कोई उदीग्नता ना हो तो, उन मानवों को सर्वोच्च स्तर के एलियन की आवाज इतनी ज्यादा साफ़ और स्पष्ट सुनाई दे सकती है कि वे मानव एक बार तो भूल ही सकतें हैं कि उनकी बात पृथ्वी के किसी मानव से नहीं, बल्कि ईश्वर के निज धाम (जैसे गोलोक) से पृथ्वी पर विशिष्ट कार्य हेतु आये हुए, ईश्वर के साथी गण अर्थात सर्वोच्च स्तर के एलियन के साथ हो रही है | इस दैवीय वार्तालाप में उन कृपापात्र मानवों को इतना ज्यादा आनन्द आ सकता है जिसे शब्दों में बयान करना कठिन है !
रोज नियम से कई घंटे तक लगातार हो सकने वाली यह बातचीत सिर्फ दिव्य ईश्वरीय ज्ञान से ही सम्बंधित हो ऐसा जरूरी नहीं है क्योंकि इसमें मानव जीवन से सम्बंधित हर तरह की बातें हो सकतीं हैं, जैसे – सामाजिक, राजनैतिक, ब्रह्मांडीय, गैर ब्रह्मांडीय (दूसरे ब्रह्मांडों से सम्बंधित) के अलावा, स्वास्थ्य सम्बंधित, कर्तव्य सम्बंधित, पारिवारिक, डाटना, प्यार से समझाना आदि सभी प्रक्रिया हो सकती हैं (उनमे से कुछ उत्तर को लिपिबद्ध भी किया जा सकता है जिसे पढ़कर दूसरे आमजनमानस का भी भला हो सकता है) !
बड़े से बड़े वैज्ञानिकों को भी एकदम असम्भव सी लगने वाली यह सारी प्रक्रिया, धीरे धीरे उन परोपकारी मानवों के लिए रोजमर्रा की सामान्य दिनचर्या में तब्दील हो सकती है !
बहुत से सांसारिक पिता भले ही कुछ मामलों में लापरवाह और पक्षपाती हो सकतें हैं पर पिता के समान स्नेह रखने वाले सर्वोच्च स्तर के एलियन कभी भी शिथिल या पक्षपाती नहीं हो सकतें !
साक्षात् ईश्वर स्वरुप सर्वोच्च स्तर के एलियन को भूत, भविष्य वर्तमान सब प्रत्यक्ष दिखाई देता है क्योंकि वो काल (जो परोक्ष रूप से अविद्या या माया ही है) के सामानांतर होते है जिसकी वजह से उनके ऊपर किसी भी प्रकार का कोई समय काम नहीं करता है इसलिए वो अपनी इच्छा से समय व स्थान दोनों में परिवर्तन कर सकतें है अर्थात आसान भाषा में कहें तो वे किसी भी जीवात्मा का भविष्य पूरी तरह से बदल सकने का महा सामर्थ्य रखतें हैं पर उसके बावजूद वे ब्रह्मांडीय प्रक्रिया में अनावश्यक हस्तक्षेप नहीं करते और प्रकृति अर्थात महामाया दुर्गा की लीला को, परम आनन्दित होकर ईश्वर के ही समान साक्षी भाव से सतत निहारतें रहतें हैं !
जो मानव दैवीय सद्गुणों से युक्त रहतें हैं, उनके भूत, भविष्य और वर्तमान की घटनाओं के बारें में ये अक्सर उन मानवों को बता सकतें हैं पर जिन मानवों में ये गुण उचित मात्रा में नहीं होतें हैं, साथ ही जिन मानवों में इन सर्वोच्च स्तर के एलियन के प्रति प्रेम, आस्था व निष्ठा मुख्यतः चमत्कारवाद या अवसरवाद की वजह से उत्पन्न हुई होती है, उन मानवों के लाख प्रयास करने के बावजूद भी उन्हें सर्वोच्च स्तर के एलियंस से अपने मतलब की जानकारी, किसी भी माध्यम से उस स्तर तक नहीं मिल सकती है जिस स्तर तक पाने की उनकी तीव्र इच्छा होती है, अतः जब तक किसी भी मानव में मानवीय गुण उस स्तर तक वाकई में विकसित नहीं हो पातें हैं तब तक वो उनकी कृपा का उस स्तर तक पात्र नहीं हो सकता है !
सर्वोच्च स्तर के एलियन को सम्भावित भविष्य का पता होता है कि किस बात का खुलासा करने पर उसका क्या क्या दूरगामी अच्छा/बुरा परिणाम होगा इसलिए जब उन्हें किसी बात का जवाब नहीं देना होता है तो वे बार बार पूछने पर भी मौन रह सकतें हैं या किसी दूसरे तरीके से जवाब देकर, उस बात को टाल सकतें हैं !
अगर किन्ही परोपकारी मानवों को सर्वोच्च स्तर के एलियंस का ममतामयी सानिध्य मिल जाता है तो उन्हें फिर किसी स्वार्थी व्यक्ति के साथ की विशेष आवश्यकता नहीं रह सकती है, हाँ यह जरूर हो सकता है कि इन मानवों के सम्पर्क में किसी ना किसी माध्यम से आकर अनगिनत मानवों के स्वार्थीपन जैसे दुर्गुण देर सवेर दूर होकर, उनमें परोपकार के गुण का उदय हो !
(ब्रह्माण्ड व एलियंस सम्बंधित हमारे अन्य हिंदी आर्टिकल्स एवं उन आर्टिकल्स के इंग्लिश अनुवाद को पढ़ने के लिए, कृपया नीचे दिए गए लिंक्स पर क्लिक करें)-
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