महाभारत का युद्ध जीतने के बाद धर्मराज युधिष्ठिर ने निष्कण्टक राज्य किया। अश्वमेध-सहित अनेक बृहद् यज्ञों का अनुष्ठान भी किया। संन्यास लेने का समय आया तो उन्होंने अपना सब राजपाट परीक्षित को सौंप दिया...
– आंखों के नीचे झुर्रियां तथा काले धब्बे पड़ जाने पर, ताजी मलाई लगाकर हल्के हल्के मलें। – हिचकी आने पर, सोंठ को पानी में घिसकर सूंघें। इलायची का सेवन करें। –...
सुन्दर रूप, अद्भुत तेज प्रदान करने वाली इस क्रिया (Yoga kriya) का वर्णन शिव पुराण में दिया गया है ! यह एक तरह का प्राणायाम (Pranayama) ही है और इसे करना भी बहुत आसान...
ताकत की चरम सीमा और खतरनाक इतनी की दुष्टों को देखते ही ह्रदय आघात हो जाय, ऐसी माँ चंडिका के चरणों में बारम्बार हाथ जोड़ कर विनती है कि हमारे भी सभी भय का...
यहाँ हम आपको तरीका बता रहे हैं भूख, प्यास (appetite, thirst) को कण्ट्रोल करने का ! इस तरह के आश्चर्यजनक, वेरी साइंटीफिक (mysterious astonishing scientific treatment) नुस्खे आपको परम आदरणीय हिन्दू धर्म के विभिन्न...
जी हाँ, आप गुजरात घूम आईये और देखिये हजार में एक दो आदमी आपको मोटे मिलेंगे जबकि भारत के किसी अन्य प्रदेश जैसे दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश आदि में चले जाईये तो आपको...
ममता की सागर माँ दुर्गा जहाँ प्रत्यक्ष रूप से वास करती हैं उस पवित्र धाम का नाम है मैहर धाम ! पूरे विश्व से देवी के भक्त यहाँ पर अपनी बिगड़ी बनाने के लिए...
हमारा आयुर्वेद और योग अनन्त रहस्यों से भरा हुआ है, जिसकी थोड़ी सी जानकारी होने पर भी आदमी इस जगत में अपरम्पार पैसा कमा सकता है ! आज हम बात कर रहें हैं आदमी...
इसे बनाना भी बहुत आसान है ! यह आमलकादिगण सभी प्रकार के ज्वरों (बुखारों) का नाश करता है | इसे बनाने के लिए आंवला, चीता की जड़, हरण, पीपरी और सेंधा नमक इन औषधियों...
यह योगराज गूगुल तीनो दोषों को नष्ट करता है ! इसके सेवन के दौरान कोई बहुत कड़े परहेज़ की जरूरत नहीं होती है (Yograj Guggul health Benefits, Dose, Ingredients, Yograj Guggulu Detail and Uses...
शांर्गधर तपस्वी के अनुसार अगर इस आयुर्वैदिक नुस्खे को सावधानी और शुद्धता से बनाया जाय तो मोटापा नाश के लिए बहुत फायदेमंद है (Herbal advantages of Gomuta or indian desi mother cow urine and wood...
आयुर्वेद में इसे रसायन कहा गया है ! रसायन उसे कहते हैं जो बुढ़ापा और रोगों को दूर रखे ! इसके सेवन करने से मूत्रकृच्छ, मूत्राघात, पथरी रोग, मलबद्धता, अनाह (अफारा), शूल, उपदंश, गाँठ,...
स्वयं प्रत्यक्ष शिव भगवान सूर्य देवता ने इस अति लाभकारी चूर्ण का उपदेश अपने भक्तों को दिया था ! भगवान सूर्य के नाम पर ही इसका नाम लवण भास्कर चूर्ण पड़ा | यह चूर्ण...