Author: gopalp

क्रन्तिकारी भाई राजीव दीक्षित द्वारा बताई गयी गाय माता आधारित सर्वोत्तम कृषि की जानकारियाँ

(भाई राजीव दीक्षित सही मायने में आधुनिक युग के निर्भीक कान्तिकारी थे जिन्होंने कानपुर आई आई टी से M. TECH और अन्य कई बड़े साइंस प्रोजेक्ट से जुड़ने के बावजूद अपना सुनहरा वर्तमान और...

गायत्री मन्त्र की सत्य चमत्कारी घटनाये – 24 (गायत्री पर अटूट विश्वास)

श्री मेघायती जी नगीना अपनी अनुभूति प्रकट करती हुई लिखती हैं कि गायत्री मन्त्र ईश्वर की उपासना के लिये मुख्य मन्त्र है। मेरा तो इस पर अति अटूट विश्वास और श्रद्घा रही है। मुझे...

लेख – ईश्वरोन्मुख प्रेम – (लेखक – रामचंद्र शुक्ल )

पहले कहा जा चुका है कि जायसी का झुकाव सूफी मत की ओर था जिसमें जीवात्मा और परमात्मा में पारमार्थिक भेद न माना जाने पर भी साधकों के व्यवहार में ईश्वर की भावना प्रियतम...

गायत्री मन्त्र की सत्य चमत्कारी घटनाये – 23 (अनेक अपत्तियों से छुटकारा)

श्री आर.वी. बेद घाटकोपर लिखते हैं कि एक साल पहले मेरे ऊपर कई कानूनी मुकदमे चल रहे थे, सब तरफ से परेशानी थी, आर्थिक नुकसान हो रहा था और बहुत समय से बीमारी चली...

गायत्री मन्त्र की सत्य चमत्कारी घटनाये – 22 (भयंकर मुकदमे से मुक्ति )

ठा. जंगजीतसिंह राठोर, रानीपुरा, लिखते हैं कि हमारे ताऊजी एक अजनबी आदमी से कुछ जेवर सस्तेपन के लोभ में आकर खरीद लिया था। यह षडय़ंत्र हमारे एक शत्रु का था वह बड़ा बदमाश, डाकुओं...

गायत्री मन्त्र की सत्य चमत्कारी घटनाये – 21 (घातक अनिष्ट से प्रतिरक्षा)

श्री आनन्द स्वरुप श्रीवास्तव, गोहाड़, लिखते हैं कि ता. 26 मई 51 को हमारे चाचा जाद भाई अपने यहाँ शादी के अवसर पर लिवाने आये थे। अम्माजी तथा चाची जी को लेकर हम लोग...

मोटापा घटाने के बेहद प्रभावी आयुर्वेदिक उपचार

– हर रोज सुबह गुनगुने पानी में नींबू का रस और थोड़ा सा नमक मिला कर सेवन करने से वजन कम करने में मदद मिलती है। – त्रिफला (१० ग्राम) चूर्ण को एक गिलास...

कहानी – बिसाती (लेखक – जयशंकर प्रसाद)

उद्यान की शैल-माला के नीचे एक हरा-भरा छोटा-सा गाँव है। वसन्त का सुन्दर समीर उसे आलिंगन करके फूलों के सौरभ से उसके झोपड़ों को भर देता है। तलहटी के हिम-शीतल झरने उसको अपने बाहुपाश...

कहानी – बूढ़ी काकी- (लेखक – मुंशी प्रेमचंद)

बुढ़ापा बहुधा बचपन का पुनरागमन हुआ करता है। बूढ़ी काकी में जिह्वा-स्वाद के सिवा और कोई चेष्टा शेष न थी और न अपने कष्टों की ओर आकर्षित करने का, रोने के अतिरिक्त कोई दूसरा...

कहानी – खंडहर की लिपि (लेखक – जयशंकर प्रसाद)

जब बसन्त की पहली लहर अपना पीला रंग सीमा के खेतों पर चढ़ा लायी, काली कोयल ने उसे बरजना आरम्भ किया और भौंरे गुनगुना कर काना-फूँसी करने लगे, उसी समय एक समाधि के पास...

कहानी – विमाता – (लेखक – मुंशी प्रेमचंद)

स्त्री की मृत्यु के तीन ही मास बाद पुनर्विवाह करना मृतात्मा के साथ ऐसा अन्याय और उसकी आत्मा पर ऐसा आघात है जो कदापि क्षम्य नहीं हो सकता। मैं यह कहूँगा कि उस स्वर्गवासिनी...

कहानी – सालवती (लेखक – जयशंकर प्रसाद)

सदानीरा अपनी गम्भीर गति से, उस घने साल के जंगल से कतरा कर चली जा रही है। सालों की श्यामल छाया उसके जल को और भी नीला बना रही है; परन्तु वह इस छायादान...

कहानी – ब्रह्म का स्वांग – (लेखक – मुंशी प्रेमचंद)

स्त्री – मैं वास्तव में अभागिन हूँ, नहीं तो क्या मुझे नित्य ऐसे-ऐसे घृणित दृश्य देखने पड़ते ! शोक की बात यह है कि वे मुझे केवल देखने ही नहीं पड़ते, वरन् दुर्भाग्य ने...

कहानी – कलावती की शिक्षा (लेखक – जयशंकर प्रसाद)

श्यामसुन्दर ने विरक्त होकर कहा-”कला! यह मुझे नहीं अच्छा लगता।” कलावती ने लैम्प की बत्ती कम करते हुए सिर झुकाकर तिरछी चितवन से देखते हुए कहा-”फिर मुझे भी सोने के समय यह रोशनी अच्छी...

कहानी – शिकारी राजकुमार – (लेखक – मुंशी प्रेमचंद)

मई का महीना और मध्याह्न का समय था। सूर्य की आँखें सामने से हटकर सिर पर जा पहुँची थीं, इसलिए उनमें शील न था। ऐसा विदित होता था मानो पृथ्वी उनके भय से थर-थर...