दुनिया के नंबर वन इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट “एम. आई. टी.” (MIT USA) ने अपने उपक्रम के लिए “स्वास्थ्य व अर्थव्यवस्था का रिव्यूअर (परीक्षक)” नियुक्त किया हमारे 2 स्वयं सेवकों को
आप सभी आदरणीय पाठकों को प्रणाम,
अमेरिका देश में स्थित “एम. आई. टी.” यानी मैसाचूसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (Massachusetts Institute of Technology; https://web.mit.edu/) को पूरे विश्व का नंबर वन इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट माना जाता है (जिसके बारे में अधिक जानने के लिए कृपया इस न्यूज़ लिंक पर क्लिक करें- QS ranks MIT the world’s No. 1 university for 2023-24) !
सारांश रूप में कहा जाए तो 163 वर्ष पुराना “एम. आई. टी.” दुनिया का सबसे ज्यादा प्रसिद्ध इंस्टिट्यूट है जो मुख्यतः अपने नए – नए साइंटिफिक इन्वेशन्स एंड फाइंडिंग्स (वैज्ञानिक अविष्कारों व खोजों) के लिए जाना जाता है जिसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि अब तक इस इंस्टिट्यूट से जुड़े हुए 101 बुद्धजीवियों ने सर्वोच्च विज्ञान पुरस्कार “नोबल” (Nobel Prize) प्राप्त किया है !
इसी “एम. आई. टी.” संस्थान द्वारा पिछले 5 वर्षों की भांति ही, इस वर्ष 2024 में भी 1 फ़रवरी से एक ग्लोबल इन्नोवेशन चैलेंज (वैश्विक नए व दुर्लभ आविष्कार चयन उपक्रम) का आयोजन शुरू हुआ है जिसका नाम है “एम. आई. टी. सॉल्व” ग्लोबल चैलेंजेस (MIT SOLVE Global Challenges) जिसके बारे में अधिक जानकारी पाने के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें- https://solve.mit.edu/ !
इस क्रांतिकारी उपक्रम का मुख्य उद्देश्य यही है कि संसार के सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों (जैसे- स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था, रोजगार, शिक्षा, पर्यावरण आदि) में कैसे अभूतपूर्व सुधार लाया जा सके ! और इन्ही चुनौतियों के सर्वोत्तम व सर्वसुलभ समाधान उपलब्ध कराने के लिए पूरे विश्व से लगभग 2200 रिसर्चर्स एंड एंटरप्रेन्योर्स (शोधकर्ताओं व उद्यमियों) ने अपने – अपने प्रोजेक्ट्स (जैसे- स्टार्ट-अप्स, इन्नोवेटिव फाइंडिंग्स एंड सॉल्यूशंस आदि ; Start-Ups, Innovative Findings & Solutions etc.) आदि को अप्लाई (आवेदन) किया है !
“एम. आई. टी. सॉल्व” उपक्रम इन्ही 2200 प्रोजेक्ट्स में से कुछ सबसे अच्छे प्रोजेक्ट्स का सेलेक्शन (चुनाव) करेगा और फिर उन सेलेक्टेड प्रोजेक्ट्स को अपना यथासम्भव सहयोग व समर्थन देकर उन प्रोजेक्ट्स को विश्व स्तर पर लांच (स्थापित) करने में मदद करेगा ताकि उन प्रोजेक्ट्स से अधिक से अधिक आम जनमानस लाभान्वित हो सकें (“एम. आई. टी. सॉल्व” अब तक ऐसे प्रोजेक्ट्स को 500 करोड़ से ज्यादा की आर्थिक मदद के अलावा अपने अल्ट्रा मॉडर्न सेट अप का यथासम्भव मुफ्त सहयोग भी प्रदान करता है) !
वास्तव में “एम. आई. टी. सॉल्व” के हाई क्लॉस एक्सपर्ट्स अपने पास आये हर साइंटिफिक प्रोजेक्ट को बड़े ही बारीकी से एक्ज़ामिन (परीक्षण) करते हैं और उनमे से जो प्रोजेक्ट्स उनके वेरी स्ट्रिक्ट स्टैंडर्ड्स (उच्च स्तरीय मानकों) पर सबसे ज्यादा खरे उतरते हैं (यानी जो प्रोजेक्ट्स सबसे ज्यादा अच्छे होते हैं) उन्ही प्रोजेक्ट्स को वो फाइनली सेलेक्ट कर लेते हैं !
इसलिए हर प्रोजेक्ट को सही तरीके से एक्ज़ामिन करने की अति महत्वपूर्ण जिम्मेदारी “एम. आई. टी. सॉल्व” के रिव्यूअर (परीक्षक) की होती है जिसके लिए “एम. आई. टी. सॉल्व” ने पूरे विश्व से चुनिन्दा हाई क्लॉस एक्सपर्ट्स को अपने रिव्यूअर्स (Reviewers) के तौर पर नियुक्त किया है !
और इन्ही रिव्यूअर्स ने लगभग 2200 प्रोजेक्ट्स में से टॉप 200 प्रोजेक्ट्स चुनने में मदद की है, जिसके बाद उन 200 प्रोजेक्ट्स में से कौन से प्रोजेक्ट्स फाइनली सेलेक्टेड होंगे इसका अंतिम निर्णय “एम. आई. टी. सॉल्व” की गवर्निंग बॉडी करेगी ! आपको बता दें कि “एम. आई. टी. सॉल्व” की सलाहकार समिति में विश्व की सबसे बड़ी कम्पनीज़ के टॉप मोस्ट डिसीज़न मेकर्स जैसे- एल्फाबेट (यानी गूगल) के बोर्ड मेंबर एरिक श्मिट, वेऑन की चेयरमैन उर्सुला बर्न्स, ऑरविओं की सी.इ.ओ. नीला मोंटगुमरी, द बोस्टन ग्लोब की एम. डी. लिंडा हेनरी आदि शामिल हैं (जिनके बारे में अधिक जानकारी पाने के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें- https://solve.mit.edu/about) !
इस उपक्रम की सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें इतने बेहतरीन प्रोजेक्ट्स ने भी अप्लाई किया है जो पहले से ही कई देशों में सफलतापूर्वक आम जनमानस को लाभ पंहुचा रहें हैं और साथ ही करोड़ों रूपए प्रॉफिट भी कमा रहें हैं, इसलिए रिव्यूअर्स के लिए वाकई में ये बड़ा मुश्किल और पेचीदा काम था कि 2200 प्रोजेक्ट्स में से सिर्फ 200 प्रोजेक्ट्स को चुन पाने में मदद करना !
“स्वयं बनें गोपाल” समूह के मुख्य सरंक्षक डॉक्टर किसलय उपाध्याय जी (Chief Patron, Doctor Kislaya Upadhyay) को “एम. आई. टी. सॉल्व” ने अर्थव्यवस्था से संबंधित प्रोजेक्ट्स का रिव्यूअर नियुक्त किया हैं (“एम. आई. टी. सॉल्व” की वेबसाइट पर डॉक्टर किसलय का विवरण देखने के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें- Mr. Kislaya Upadhyay (Reviewer) !
इन अर्थव्यवस्था से संबंधित प्रोजेक्ट्स की विषयवस्तु है- 2024 GLOBAL ECONOMIC PROSPERITY CHALLENGE ; How can we harness technology to build and sustain peaceful and prosperous economies (2024 विश्व आर्थिक समृद्धि चुनौती ; हम टेक्नोलॉजी को किस तरह से उपयोग में ला सकते हैं जिससे शांतिपूर्ण व समृद्ध अर्थव्यवस्था का निर्माण व निरंतरता बनी रहे) ! “एम. आई. टी. सॉल्व” में अर्थव्यवस्था से संबंधित प्रोजेक्ट्स की सम्पर्क सूत्र हैं- रैचेल ड्रिव जी, जिनके बारे में अधिक जानने के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें- Rachael Drew, Lead – Economic Prosperity, MIT Solve
इसी परिप्रेक्ष्य में हम याद दिलाना चाहेंगे कि, ये डॉक्टर किसलय जी वही है, जो विश्व के उन लगभग 125 बुद्धजीवियों में शामिल थे जिन्होंने “संयुक्त राष्ट्र संघ” की संस्था द्वारा खाद्य व्यवस्था में कायाकल्प (सम्पूर्ण सुधार) लाने के लिए, विश्व स्तरीय रिपोर्ट तैयार करने में मदद की है (अधिक जानकारी के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें- जानिये यूनेस्को नेशनल कमीशन, वर्ल्ड फ़ूड फोरम, वर्ल्ड बिजनेस कौंसिल फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट, “स्वयं बनें गोपाल” समूह आदि के एक्सपर्ट्स द्वारा निर्मित संयुक्त राष्ट्र संघ की फ़ूड सिस्टम समिट की रिपोर्ट के बारे में) !
वास्तव में “स्वयं बनें गोपाल” समूह की स्थापना का मुख्य उद्देश्य ही यही है कि समाज की शाश्वतकाल से चली आ रही 2 सबसे बड़ी समस्याएं (गरीबी व बिमारी) में अधिक से अधिक राहत पहुंचाने के साथ, हर उस उपयोगी ज्ञान का प्रचार – प्रसार करना है जो एक सुखी व बुद्धिमान समाज की नीव हो ! इसलिए “स्वयं बनें गोपाल” समूह से ऐसे ही विद्वान जुड़े हुए हैं जो इन्ही विषयों के अद्भुत जानकार हैं !
जैसे डॉक्टर किसलय उपाध्याय जी अर्थव्यवस्था, रोजगार सृजन, भुखमरी निवारण आदि जैसी जटिल सामाजिक समस्याओं के इतने हाई क्लास एक्सपर्ट्स हैं कि इनसे सिर्फ 5 मिनट्स ही बात करके इंटेलेक्चुअल्स भी काफी प्रभावित व उत्साहित हो जाते हैं , इसलिए डॉक्टर किसलय ना केवल बुद्धजीवियों में बल्कि आम जनमानस में भी काफी लोकप्रिय हैं क्योकि डॉक्टर उपाध्याय के निःस्वार्थ व गुप्त सेवा धर्म से अब तक ना जाने कितने ही निर्धन अपना खुद का व्यवसाय स्थापित करके एक स्वावलम्बी व सुखी जीवन जीने में सक्षम हो सके हैं !
इसी अवसर पर बताना चाहेंगे कि, “बिजनेस व मैनेजमेंट” के क्षेत्र में दुनिया का सबसे दिग्गज इंस्टिट्यूट “हॉवर्ड बिजनेस स्कूल” (https://www.hbs.edu/ , जो की हॉवर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा ही संचालित है- Harvard Business School) के एक नए अत्याधुनिक रिसर्च वर्क से भी रिव्यूअर (परीक्षक) की तरह जुड़ने का आमंत्रण मिला है डॉक्टर किसलय उपाध्याय को (हॉवर्ड के इस रिसर्च वर्क की सम्पर्क सूत्र हैं- जैकलीन लेन जी, जिनके बारे में अधिक जानने के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें- Jacqueline Lane, ASSISTANT PROFESSOR – BUSINESS ADMINISTRATION, Harvard Business School) !
“स्वयं बनें गोपाल” समूह के अध्यक्ष, परिमल पराशर जी (President, Parimal Parashar) को भी “एम. आई. टी. सॉल्व” ने स्वास्थ्य से संबंधित प्रोजेक्ट्स का रिव्यूअर नियुक्त किया है (“एम. आई. टी. सॉल्व” की वेबसाइट पर परिमल पराशर जी का विवरण देखने के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें- Mr Parimal Parashar (Reviewer) !
इन स्वास्थ्य से संबंधित प्रोजेक्ट्स की विषयवस्तु है- 2024 GLOBAL HEALTH EQUITY CHALLENGE ; How can we use technology to make good health and access to quality care more equitable for all (2024 विश्व स्वास्थ्य समानता चुनौती ; हम टेक्नोलॉजी को किस तरह से उपयोग में ला सकते हैं जिससे सभी को अच्छा स्वास्थ्य व देखभाल, समान रूप से अवश्य उपलब्ध हो सके) ! “एम. आई. टी. सॉल्व” में स्वास्थ्य से संबंधित प्रोजेक्ट्स की सम्पर्क सूत्र हैं- नोएल शैसकन जी, जिनके बारे में अधिक जानने के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें- Noel Shaskan, Lead – Health , MIT Solve !
परिमल पराशर जी को भी संयुक्त राष्ट्र संघ के स्वास्थ्य, परमाणु हथियार निरस्त्रीकरण व अन्य कई वैश्विक महत्वपूर्ण मुद्दों से संबंधित जनरल असेंबली मीटिंग्स में आमंत्रित किया जा चुका है (जिनके बारे में अधिक जानने के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें- वसुधैव कुटुंबकम्) !
इसी परिप्रेक्ष्य में याद दिलाना चाहेंगे कि लगभग 4 वर्ष पूर्व अमेरिका देश की “जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी” (Johns Hopkins University; https://www.jhu.edu/) की सीनियर रिसर्च कोऑर्डिनेटर “रेबेका मैक्लारेन” जी (Rebecca McLaren, MD MPH, Senior Research Coordinator) ने भी “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान से अपने रिसर्च वर्क में सहयोग करने के लिए आमंत्रित किया था {“जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी” लगभग 150 वर्ष पुरानी यूनिवर्सिटी है और इससे जुड़े हुए हॉस्पिटल की वर्ल्ड में रैंकिंग टॉप 5 में मानी जाती है जबकि भारत में नयी दिल्ली स्थित “एम्स” (AIIMS; www.aiims.edu) की ग्लोबल यूनिवर्सिटीज में रैंकिंग 127 मानी जाती है} ! इसके अलावा अमेरिका देश की “एरिज़ोना स्टेट यूनिवर्सिटी” (Arizona State University; https://www.asu.edu/) द्वारा 27 अक्टूबर 2022 को मानव स्वास्थ से संबंधित आयोजित राष्ट्रीय कार्यक्रम “नेशनल डायग्नोस्टिक समिट” (ASU National Diagnostics Summit) में भी आमंत्रित थे परिमल जी !
वास्तव में परिमल जी ने 20 वर्षों से ज्यादा समय तक प्रयास किया है स्वास्थ्य के मूलभूत सिद्धांतों को समझने के लिए और इस दौरान इन्होने ना केवल प्राचीन भारतीय बेशकीमती स्वास्थ्य विज्ञान (योग, आयुर्वेद) के पुनरुत्थान के लिए, बल्कि इन चिकित्सा पद्धतियों के विलुप्त होते दुर्लभ आयामों को भी फिर से खोज निकालने के लिए प्रयत्न किया है !
वैसे तो “स्वयं बनें गोपाल” समूह का सहयोग पहले भी ऐसे उपक्रम में लिया गया है जिसमें इंजीनियरिंग रिसर्च के क्षेत्र में दुनिया में नंबर दो माने जाने वाले संस्थान “हावर्ड यूनिवर्सिटी” और नंबर तीन माने जाने वाले “ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी” ने भी सहयोग किया है (अधिक जानकारी के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें- जानिये हावर्ड, ऑक्सफ़ोर्ड, “स्वयं बनें गोपाल” समूह आदि के सहयोग द्वारा निर्मित संयुक्त राष्ट्र संघ की “नेट जीरो एमिशन्स कमिटमेंट्स” रिपोर्ट के बारे में) लेकिन यह पहली बार है कि दुनिया के नंबर वन संस्थान “एम. आई. टी.” ने भी अपने उपक्रम के लिए “स्वयं बनें गोपाल” समूह के स्वयं सेवकों से सहयोग लिया है !
“एम. आई. टी. सॉल्व” द्वारा सितम्बर 2024 तक फाइनली सेलेक्टेड प्रोजेक्ट्स के बारे में घोषणा कर दी जायेगी और “स्वयं बनें गोपाल” समूह यह शुभाकांक्षा करता है कि चयनित होने वाले सभी उच्च स्तरीय प्रोजेक्ट्स से, विश्व के अधिक से अधिक आम जनमानस अवश्य लाभान्वित हो सकेंगे !
जय हो परम आदरणीय गौ माता की !
वन्दे मातरम् !
“स्वयं बनें गोपाल” समूह, “संयुक्त राष्ट्र संघ” के विभिन्न विश्वस्तरीय उपक्रमों से पार्टनर, मेंबर व स्टेकहोल्डर आदि के तौर पर भी जुड़ चुका है जिनके बारे में जानने के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें- वसुधैव कुटुंबकम्
कृपया हमारे फेसबुक पेज से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
कृपया हमारे यूट्यूब चैनल से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
कृपया हमारे एक्स (ट्विटर) पेज से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
कृपया हमारे ऐप (App) को इंस्टाल करने के लिए यहाँ क्लिक करें
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण से संबन्धित आवश्यक सूचना)- विभिन्न स्रोतों व अनुभवों से प्राप्त यथासम्भव सही व उपयोगी जानकारियों के आधार पर लिखे गए विभिन्न लेखकों/एक्सपर्ट्स के निजी विचार ही “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान की इस वेबसाइट/फेसबुक पेज/ट्विटर पेज/यूट्यूब चैनल आदि पर विभिन्न लेखों/कहानियों/कविताओं/पोस्ट्स/विडियोज़ आदि के तौर पर प्रकाशित हैं, लेकिन “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान और इससे जुड़े हुए कोई भी लेखक/एक्सपर्ट, इस वेबसाइट/फेसबुक पेज/ट्विटर पेज/यूट्यूब चैनल आदि के द्वारा, और किसी भी अन्य माध्यम के द्वारा, दी गयी किसी भी तरह की जानकारी की सत्यता, प्रमाणिकता व उपयोगिता का किसी भी प्रकार से दावा, पुष्टि व समर्थन नहीं करतें हैं, इसलिए कृपया इन जानकारियों को किसी भी तरह से प्रयोग में लाने से पहले, प्रत्यक्ष रूप से मिलकर, उन सम्बन्धित जानकारियों के दूसरे एक्सपर्ट्स से भी परामर्श अवश्य ले लें, क्योंकि हर मानव की शारीरिक सरंचना व परिस्थितियां अलग - अलग हो सकतीं हैं ! अतः किसी को भी, “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान की इस वेबसाइट/फेसबुक पेज/ट्विटर पेज/यूट्यूब चैनल आदि के द्वारा, और इससे जुड़े हुए किसी भी लेखक/एक्सपर्ट के द्वारा, और किसी भी अन्य माध्यम के द्वारा, प्राप्त हुई किसी भी प्रकार की जानकारी को प्रयोग में लाने से हुई, किसी भी तरह की हानि व समस्या के लिए “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान और इससे जुड़े हुए कोई भी लेखक/एक्सपर्ट जिम्मेदार नहीं होंगे ! धन्यवाद !