Category: वसुधैव कुटुंबकम्
“स्वयं बने गोपाल” समूह से जुड़े कुछ प्रखर समाजशास्त्रियों का पूछना है कि, क्या भारतीय सैनिकों की जान, अमेरिका के नागरिकों से सस्ती है ? ये समाज शास्त्री कहते हैं कि जब कोई खतरनाक...
अंग्रेजों के बहुत लंबे शासनकाल से सन 1947 तक भारत माँ को आजादी दिलाने के लिए कई देशभक्त क्रांतिकारियों ने हसंते हसंते अपनी जान गवाई थी और 1947 से अब तक भारत माँ की...
साल में एक बार गोपाल जी का जन्म महोत्सव खूब भव्य चकाचौंध के साथ से मना लेने से या घर पर कोई पंडित बुलाकर गलत सही मंत्रोच्चार वाली पूजा रोज करवाने से, आज तक...
जैसे एक बार भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ को घमण्ड हो गया था कि जो सबका बोझ उठाने वाले नारायण हैं उनका बोझ मै उठाता हूँ इसलिए मैं निश्चित रूप से अति विशिष्ट हूँ...
अभी मोदी जी का गो सेवकों पर जो बयान सुनने को मिला कि 80 परसेंट गो सेवक, गो सेवा कि आड़ में अनैतिक कामों में व्यस्त हैं, उस बयान की निन्दा हर देशभक्त कर...
वसुधैव कुटुम्बकम्, यही हमारी भारतीय सनातन धर्म की सदैव से परम्परा रही है और इसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए हमारे फौलादी प्रधानमन्त्री बलूचिस्तान के लोगों की पीड़ा का मुद्दा विश्व स्तर पर उठा...
दुनिया का हर काम बन्दूक के जोर पर नहीं हो सकता खासकर जब समस्या अपने साथ रहने वाले पुराने साथियों से है ! और ना ही कोई भी आदमी लगातार सिर्फ जीतते ही जा...
कुछ सत्यान्वेषी समाज शास्त्रियों का कहना है कि, मोदी जी एक ईमानदार व्यक्ति हैं जो उनके द्वारा किये गए एकदम नए कई विकास के अदभुत व आश्चर्यजनक कार्यों को देखकर समझा जा सकता है !...
ये कट्टरपन उन मूर्ख लोगों का है जो जिन्दगी भर गरीबी, अँधेरा आदि जैसी चीजों को झेलते रहते हैं पर जब इलेक्शन का टाइम आता है तो बस भेड़ की तरह अपने जाति वाले...
सोशल मीडिया व ZEE न्यूज़ जैसे समाचार चैनलों की वजह से कई नए पुराने देश द्रोही दलों की अब अच्छे से कलई खुलती जा रही है जिसकी वजह से उन दलों से जुड़े कई...
समाज में दोहरे मापदंड वाले बहुरूपिये लोग काफी अच्छा पैसा कमा रहे हैं ! कई उदाहरण हैं जो ऐसे बहुरूपिये लोगों की असलियत साबित करते हैं ! जैसे कुछ बहुरूपिये, एक तरफ हाथ में...
देश की परिस्थितियां दिन पर दिन कठिन होती जा रहीं है और सज्जन लोग दूर बैठ कर तमाशा देख रहे हैं या किसी ईश्वरीय चमत्कारी सहायता की उम्मीद कर रहे हैं ! यूँ तो...
जैसा हमेशा दिखता है क्या हमेशा वैसा ही होता हैं ? उस लिहाज से बिजली के तारों के ऊपर तो कुछ भी नहीं दिखता तो उसे छूने पर जान लेवा झटका क्यों लगता है...
अहिंसा परमो धर्मः , अधूरा वाक्य है जो गांधीजी के द्वारा फैलाया गया था ! पूरा वाक्य है, – अहिंसा परमो धर्मः धर्म हिंसा तथैव च ! जिसका मतलब होता है कि, धर्म अर्थात...
आप एक बड़े ऑफिसर या बिजनेस मैन हैं और अपनी वाइफ और बच्चे के साथ बढ़िया आलिशान घर में रहते हैं और पैसे की कमीं नहीं है, जो आप चाहते हैं और जो आपका...
ये महावीरता का जज्बा है हर एक – एक हिन्दुस्तानी का जो ऊपर से तो शान्त दीखता है यहाँ तक की अपने रोज मर्रा के काम में उलझा, परेशान और दुखी भी दिखता है...