Category: वसुधैव कुटुंबकम्

हे देशभक्तों, यह हार नहीं, वक्ती तौर का कूटनैतिक राजधर्म है

दुनिया का हर काम बन्दूक के जोर पर नहीं हो सकता खासकर जब समस्या अपने साथ रहने वाले पुराने साथियों से है ! और ना ही कोई भी आदमी लगातार सिर्फ जीतते ही जा...

अब हमें अँधेरा और गरीबी भी पसन्द आने लगा है इसलिए जाति के नाम पर वोट देना नहीं छोड़ेंगे

ये कट्टरपन उन विचित्र लोगों का है जो जिन्दगी भर गरीबी, अँधेरा आदि जैसी चीजों को झेलते रहते हैं पर जब इलेक्शन का टाइम आता है तो बस भेड़ की तरह अपने जाति वाले...

यह कैसा बहुरूपियापन

समाज में दोहरे मापदंड वाले बहुरूपिये लोग काफी अच्छा पैसा कमा रहे हैं ! कई उदाहरण हैं जो ऐसे बहुरूपिये लोगों की असलियत साबित करते हैं ! जैसे कुछ बहुरूपिये, एक तरफ हाथ में...

ऐसी अच्छाई किस काम की जो आदमी को डरपोक बना दे

देश की परिस्थितियां दिन पर दिन कठिन होती जा रहीं है और सज्जन लोग दूर बैठ कर तमाशा देख रहे हैं या किसी ईश्वरीय चमत्कारी सहायता की उम्मीद कर रहे हैं ! यूँ तो...

बड़े पैमाने पर हो रही इन साजिशों को समझना बहुत जरूरी है

जैसा हमेशा दिखता है क्या हमेशा वैसा ही होता हैं ? उस लिहाज से बिजली के तारों के ऊपर तो कुछ भी नहीं दिखता तो उसे छूने पर जान लेवा झटका क्यों लगता है...

अत्याचार को लगातार सहते जाना धर्म नहीं पाप है

माना जाता है कि “अहिंसा परमो धर्मः” अधूरा वाक्य है जो संभवतः जानबूझकर फैलाया गया था जबकि पूरा वाक्य है, – “अहिंसा परमो धर्मः धर्म हिंसा तथैव च” ! जिसका मतलब होता है कि,...

विश्व सम्राट के खोये हुए पद को दुबारा वापस पाने के लिए ये तो करना ही पड़ेगा

आप एक बड़े ऑफिसर या बिजनेस मैन हैं और अपनी वाइफ और बच्चे के साथ बढ़िया आलिशान घर में रहते हैं और पैसे की कमीं नहीं है, जो आप चाहते हैं और जो आपका...

सौगन्ध महादेव की, खुरापात करने लायक नहीं छोड़ेंगे

ये महावीरता का जज्बा है हर एक – एक हिन्दुस्तानी का जो ऊपर से तो शान्त दीखता है यहाँ तक की अपने रोज मर्रा के काम में उलझा, परेशान और दुखी भी दिखता है...

अमेरिका की धर्म सभा में श्री विवेकानंद का आगाज

(श्री विवेकानंद का भाषण सन 1893 में, अमेरिका के शिकागो में)- अमेरिका के बहनो और भाइयों, आपके इस स्नेहपूर्ण और जोरदार स्वागत से मेरा हृदय अपार हर्ष से भर गया है। मैं आपको दुनिया...