“स्वयं बनें गोपाल” समूह की वेबसाइट पर प्रकाशित सभी दुर्लभ जानकारियों को तुरंत प्राप्त करने के लिए इसके ऐप (App) को इंस्टाल करिए अपने मोबाइल में
आप सभी आदरणीय पाठको को प्रणाम,
“स्वयं बनें गोपाल” समूह की वेबसाइट पर प्रकाशित सभी दुर्लभ जानकारियों को तुरंत प्राप्त करने के लिए अब आप “स्वयं बनें गोपाल” समूह के ऐप को भी अपने मोबाइल में इंस्टाल (Install) कर सकते हैं जिसके लिए आपको अपने मोबाइल के प्ले स्टोर (Play Store) में “Svyam Bane Gopal” टाइप करके सर्च करना होगा या आप इस लिंक पर क्लिक करके भी ऐप को इनस्टॉल कर सकतें हैं- “Svyam Bane Gopal” App
गूगल एनालिटिक्स (Google Analytics) के आंकड़ों के अनुसार “स्वयं बनें गोपाल” समूह के अधिकाँश पाठक मोबाइल से ही इसकी वेबसाइट के आर्टिकल्स को पढतें हैं इसलिए ऐसे पाठकों की सुविधाओं को बढाने के लिए ऐप को भी लांच कर दिया गया है !
गूगल एनालिटिक्स के आंकड़ों के अनुसार “स्वयं बनें गोपाल” समूह के आदरणीय पाठक अब विश्व के 188 देशों के 6041 शहरों तक में प्रसारित हो चुके हैं ! बड़ा अच्छा लगता है यह देखकर की पूरे विश्व में कितनी बड़ी मात्रा में हिंदी भाषा के चाहने वाले मौजूद हैं लेकिन उतना ही दुःख होता है यह देखकर कि विश्व की तीसरी सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषा होने के बावजूद भी हिंदी “संयुक्त राष्ट्र संघ” व अन्य वैश्विक मंच पर उस स्तर का सम्मान प्राप्त नही कर सकी, जितने की ये हकदार है !
तार्किक दृष्टि से देखा जाए तो हिंदी को भी संयुक्त राष्ट्र संघ की 6 ऑफिशियल भाषाओँ (अरबी, चाईनीज, इंग्लिश, फ्रेंच, रशियन व स्पेनिश) में शामिल किया जाना चाहिए, जिसके लिए “स्वयं बनें गोपाल” समूह यथोचित तरीके से प्रयासरत भी है !
वैसे तो “स्वयं बनें गोपाल” समूह की वेबसाइट पर 1000 से भी ज्यादा बहुउपयोगी आर्टिकल्स प्रकाशित हैं, लेकिन इसके बावजूद भी “स्वयं बनें गोपाल” समूह की आई. टी. टीम ने विद्वतापूर्वक एक बेहद सुविधाजनक ऐप का निर्माण किया है जिसकी साइज़ भी काफी कम है और आसानी से हर बार ओपेन भी हो जाता है !
अंततः हम यही कहना चाहेंगे कि ऐसा बिल्कुल नहीं है कि हिंदी के अलावा किसी दूसरी भाषा को इस्तेमाल करना गलत है (क्योकि ज्यादातर स्थितियों में वक्ता व श्रोता की सहूलियत को ध्यान में रखकर ही किसी भी भाषा का इस्तेमाल करना बुद्धिमानी होता है) लेकिन भाषाओँ के बीच भेदभाव करना ठीक नही है ! हिंदी और उसी के समान वर्णमाला वाली संस्कृत भाषा का असली महत्व जानना हो तो नासा के सीनियर वैज्ञानिको से पूछना चाहिए (क्योकि नासा में लगती है 15 दिन की संस्कृत की क्लास जिसे जानने के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें- नासा में लगती है 15 दिन की संस्कृत क्लास ! हर विज्ञानिक को अनिवार्य !) या भारत के विभिन्न तीर्थक्षेत्रों में घूमने वाले उन विदेशियों से पूछना चाहिए जो अपने टॉप लेवल के कैरियर को छोड़कर, बड़े मनोयोग से हिंदी व संस्कृत सीखने की कोशिश कर रहें हैं ताकि महासुख दाता ईश्वर के सत्य रहस्यों को दुर्लभ भारतीय ग्रन्थों से पढ़कर समझ सकें !
जय हो परम आदरणीय गौ माता की !
वन्दे मातरम् !
“स्वयं बनें गोपाल” समूह, “संयुक्त राष्ट्र संघ” के विभिन्न विश्वस्तरीय उपक्रमों से पार्टनर, मेंबर व स्टेकहोल्डर आदि के तौर पर भी जुड़ चुका है जिनके बारे में जानने के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें- वसुधैव कुटुंबकम्
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