इन मोटू का नाम लड्डू कैसे पड़ा ? ?

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जिसकी निगाह लड्डू से हटे नहीं, जो बात करे आपसे और देखे सिर्फ लड्डू की ओर, लड्डू को देखकर जिसकी आँखों में लालच और ओठों पर जीभ फिरे, जो खुद देखने में लड्डू की तरह गोल मटोल हो, जिसका पेट लड्डू की तरह गोल, दोनों गाल भी लड्डू की तरह फूले हुए, आंखे नाक ओठ ठुड्डी सब लड्डू की तरह गोल गोल हो, तो उसे क्यों नहीं कहे लड्डू वाला गोपाल !

लड्डू का लालच दिखा दिखा कर लोगों ने, इससे ना जाने कितने उट पटांग काम करवा लिए ! ना जाने इसे लड्डू की किस जन्म की भूख है की अनगिनत वर्षों से सभी भक्तों के घर घूम घूम कर लड्डू खा रहा है पर उसकी लड्डू की लालच कम हो ही नहीं रही है !

आज भी कोई भक्त चाहे कितनी दूर से लड्डू बनाकर, खूब प्रेम और अधिकार से इसे बुलाये तो ये छोटू मोटू तुरन्त ठुमुक ठुमुक करके दौड़ते हुए उसके पास पहुच जाता है !

ये गोलू भोलू बस एक बार जान जाय की आप उसके बिना जी नहीं पायेंगे तो ये फिर आपको छोड़ कर जायेगा ही नहीं ! 24 घंटा आपके साथ ही रहेगा, आपके साथ ही आपकी थाली में खाना खायेगा, आपके बिस्तर पर ही आपसे कहानी सुनते सुनते सोयेगा, शाम को आपके कंधे पर बैठ कर बाजार टहलने जायेगा और हाँ आपसे जिद्द भी करेगा की सड़क के किनारे जो गरीब पड़े हैं उन्हें भी खूब अच्छा खाने पीने का सामान खरीद कर खिलाने की !

ये मरते दम तक आपसे चुन चुन कर दुनिया के सारे अच्छे काम करवायेगा जिससे आप समाज में देवता की तरह पूजे जायेंगे |

एक बार ये रीझ जाता है तो ये आपसे इतना बेतक्क्लुफ़ हो जाता है की इसको आपकी डांट का भी असर नहीं होता है | कई भक्तों का कहना है की इसे वे लोग बहुत पसंद हैं जो इसका ख्याल, परिवार के सगे सदस्य की तरह (जैसे बेटे की तरह) हमेशा रखते हैं और हमेशा इसी के बारें में सोचतें रहते हैं ! ग्रंथों में इसी को कहते हैं लाड लड़ाना !

ये ज्यादा खुश हो जाय तो आपके कई छोटे छोटे काम भी ख़ुशी ख़ुशी कर देगा जैसे पानी लाना, कोई सामान थमाना आदि आदि और अगर आप नाराज हो जाय तो बार बार आपके पैर छूकर, पप्पी देकर आपको मनायेगा भी !

धूम धड़ाका वाले खेल इसे बहुत पसंद है जैसे तकिया मारने का खेल ! ये इतना बड़ा बेरोजगार है की इसे बार बार करने के लिए कोई काम चाहिए और काम पाने के लिए एक टक आपकी ही ओर देखेगा और अगर आपने इसे कोई काम ना दिया तो ये आपके ही ऊपर बार बार चढ़कर नीचे कूदने का खेल खेलने लगेगा !

समस्या ये है की इस छटंकू को उसकी अति प्यारी बदमाशी करने से मना कैसे किया जाय क्योकि जैसे ही कोई इसे डाटने के लिए घूरता है वैसे ही इसकी आँखों की अनन्त विशालता, चेहरे की अद्वितीय मासूमियत में खोकर अति दुर्लभ, योगियों की चरम अवस्था समाधि में पहुँच जाता है ! इसके यानी परम सत्ता के हर आश्चर्यजनक खिलवाड़ को देखने के लिए त्रिदेव ब्रह्मा विष्णु महेश, सारे देवता, यक्ष गन्धर्व नाग आपके चारो ओर हाथ जोड़े, सम्मोहित हुए अदृश्य रूप से सदैव खड़े रहते हैं !

24 घंटा खिलवाड़, हंसी मजाक इसका पसंदीदा काम है पर इसी बीच में अचानक चुपके से दुर्लभ ज्ञान भी दे देता है | ये साथ में रहे तो पूरी जिंदगी बेहद खूबसूरत ख्वाब में बदल जाती है ! इस जिंदगी में गरीबी, बीमारी, मौत किसी भी चीज का डर नहीं होता है ! इस जिंदगी में हर सेकंड अपरम्पार ख़ुशी और उत्साह रहता है की जिसका अंदाजा किसी के समझाने से नहीं, सिर्फ खुद महसूस करके समझा जा सकता है !

अत: अब सबसे बड़ा प्रश्न है कि इतना ज्यादा चंचल, शुरूवात में हर छोटी छोटी बात पर नाराज होकर मुह फुला लेने वाले, स्वाभाव से बेहद उत्सुक, तोतली जबान में मिश्री घोलकर धडाधड बोल कर प्रपंच रचने वाले, बिना मतलब के ठुमुक ठुमुक कर लड़खड़ा कर इधर से उधर दौड़ने वाले, पूरी तरह से बेरोजगार, श्याम बदन, बड़ी बड़ी और तिरछी आँखों वाले वाले, मक्खन के समान मुलायम शरीर वाले, घुंघराले उलझे बालों वाले, बहुत प्यारी तोंद वाले, मोटू छोटू, गोल मटोल, गोलू भोलू उर्फ़ लड्डू गोपाल को पटाया कैसे जाय ?

तो इसका भी कोई फिक्स फार्मूला नही है ! कभी ये माता पिता की सेवा करने वाले पर अचानक से खुश हो जाता है तो कभी ये गरीबों का पेट भरने वाले पर खुश हो जाता है, कभी ये कड़ी मेहनत से खेती करने वाले किसान पर खुश हो जाता है तो कभी ये गरीबी झेल कर भी ईमानदारी से नौकरी करने वाले पर खुश हो जाता है, कभी ये गाय माता और अन्य जीवों की सेवा से खुश हो जाता है तो कभी ये इसकी पूजा पाठ स्तुति कीर्तन करने वाले पर खुश हो जाता है !

इसको इससे मतलब नहीं है की इसकी पूजा संस्कृत में हो रही है की अंग्रेजी में ! इसको इससे मतलब नहीं है की कोई इसकी पूजा में खूब पैसा खर्च कर रहा है की नहीं कर रहा है। इसको सिर्फ और सिर्फ इससे मतलब है की किसी भी काम के पीछे की भावना कितनी शुद्ध, श्रद्धा पूर्ण और पवित्र है !

कुल मिलाकर निष्कर्ष यही है की ये, खुश उस आदमी से निश्चित होता है जो लम्बे समय तक इस सिद्धांत का कड़ाई से अपनी जिंदगी में पालन करता है की “जिन्दगी सिर्फ दूसरों को देते रहने का नाम है भले ही देने के बदले में अपमान, गाली या दुःख मिले” !

ऐसी संसार तपस्या की अग्नि से शुद्ध हुआ व्यक्ति लड्डू गोपाल के पीछे नहीं दौड़ता बल्कि लड्डू गोपाल उसके पीछे दौड़ते हैं की मुझे अपना लो !

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