ब्लैक होल्स के बारे में पूरी दुनिया के वैज्ञानिको से एकदम अलग खोज है “स्वयं बनें गोपाल” समूह के शोधकर्ताओ की
(लम्बे समय से ब्रह्मांड सम्बंधित सभी पहलुओं पर रिसर्च करने वाले “स्वयं बनें गोपाल” समूह से जुड़े कुछ शोधकर्ताओं के निजी विचार)-
जैसा कि सर्वत्र सुनने को मिलता है कि ब्लैक होल्स (Black holes; कृष्ण विवर) के बारे में आम जनमानस से लेकर बड़े से बड़े वैज्ञानिक भी यही सोचते हैं कि ब्रह्मांड में व्याप्त ये कोई ऐसे छिद्र (Hole) होतें है जिनमे इतना जबरदस्त खिचाव होता है कि इनसे प्रकाश भी बाहर नहीं निकल पाता है और इन ब्लैक होल्स में पाए जाने वाले जबरदस्त खिचाव (गुरुत्वाकर्षण) का गुण उनके अत्यधिक संकुचित आकार में अत्यधिक द्रव्यमान होने की वजह से उत्पन्न होता है !
इसके अतिरिक्त कई वैज्ञानिक ब्लैक होल्स को इंटरडाईमेंशनल पोर्टल (Inter Dimensional Space Portal) भी मानते हैं जिसकी मदद से बेहद कम समय में, बेहद दूर तक की यात्रा या किसी दूसरे डायमेंशन तक की यात्रा कर पाना संभव हो सकता है !
पर ब्लैक होल्स के बारे में पूरे विश्व के वैज्ञानिकों द्वारा स्वीकारे जाने वाली इन सभी थ्योरीज से एकदम अलग खोज है “स्वयं बनें गोपाल” समूह के मूर्धन्य शोधकर्ता श्री डॉक्टर सौरभ उपाध्याय जी की !
डॉक्टर सौरभ जी ने ब्लैक होल्स के बारे में कई ऐसे नए बेहद आश्चर्यजनक तथ्यों का खुलासा किया है जिनका शायद आज के वैज्ञानिको को अंदाजा भी ना हो ! आईये जानते हैं उन खोजो के बारे में-
डॉक्टर सौरभ जी ने बताया कि ब्लैक होल, कोई होल (hole) अर्थात छिद्र नहीं होते है, बल्कि वे विवर अर्थात गड्ढ़े होते हैं ! अब यहाँ प्रश्न यह बनता है कि छिद्र और गड्ढे में क्या फर्क होता है ?
छिद्र वो होता है जिसमे आर – पार दोनों तरफ से आना जाना संभव होता है जबकि गड्ढे में केवल एक तरफ से जाना (अर्थात गिरना) संभव होता है क्योकि आमतौर पर गड्ढे से वापस बाहर निकलने के लिए किसी बाहरी मदद की जरूरत पड़ती है खासकर अगर गड्ढा, ब्लैक होल जैसा प्रबल आकर्षण युक्त हो तो !
डॉक्टर सौरभ जी ने यह भी बताया कि ब्लैक होल्स कोई इंटरडाईमेंशनल पोर्टल भी नहीं होते हैं बल्कि ब्लैक होल्स खुद अपने आप में एक लोक (दुनिया) होते हैं और इन लोकों में रहती हैं केवल नकारात्मक शक्तियां (अर्थात आसुरी शक्तियां) जो कि ईश्वर के तम प्रधान रूप से पैदा हुई होती हैं !
डॉक्टर सौरभ जी के अनुसार ब्लैक होल्स का आकार सिर्फ गोल हो ऐसा जरूरी नहीं है क्योकि ब्लैक होल्स किसी भी आकार के हो सकते हैं; हाँ लेकिन लगभग हर ब्लैक होल के बाहर (यानी चारो तरफ) एक प्रकाश का घेरा देखा जा सकता है जो कि सौरभ जी के अनुसार सकारात्मक शक्तियां (अर्थात देव गण) होती हैं जो कि ब्लैक होल्स को चारो तरफ से घेर कर यही निगरानी करती रहती है कि ब्लैक होल्स से बाहर निकल कर कोई नकारात्मक शक्ति उत्पात ना मचा सके !
ब्लैक होल्स को परम आदरणीय हिन्दू धर्म में विवर (अर्थात गड्ढा) नाम इसलिए दिया गया है क्योकि इसके आसपास से गुजरने वाला लगभग हर चीज इसमें फिसल कर तेजी से गिर जाती है और फिर कभी उससे बाहर नही निकल पाती (जब तक कि उसे बाहर निकलने के लिए कोई मदद ना मिल जाए या उसमे खुद से बाहर निकलने का प्रचंड सामर्थ्य ना हो) !
प्रथम द्रष्टया सिर्फ मुसीबत लगने वाले ब्लैक होल्स का ब्रह्मांड की स्थिरता में अहम रोल है क्योकि इस ब्रह्मांड के निर्माण में सत्व, रज व तम तीनो तत्वों का बराबर योगदान है इसलिए जहाँ एक तरफ श्वेत विवर (वाइट होल्स; White Holes) में रहने वाले देवगण सत्व गुण की प्रधानता से बने हुए हैं, वहीँ दूसरी तरफ कृष्ण विवर में रहने वाली आसुरी शक्तियां तम प्रधान गुणों से बनी हुई हैं जबकि एक मात्र पृथ्वी पर रहने वाले मानव ही सत्व, रज व तम तीनो गुणों से मिलकर बने हुए हैं !
डॉक्टर सौरभ जी के अनुसार ब्लैक होल्स में रहने वाले प्राणी मैटेरियलिस्टिक (Materialistic; भौतिक) होतें हैं जबकि वाइट होल्स में रहने वाले प्राणी एनर्जी (उर्जा) के बने हुए होते हैं !
ब्लैक होल्स के अंदर का सोलर सिस्टम हमारे सोलर सिस्टम की तुलना में एकदम अलग व विचित्र होता है क्योकि ये तम प्रधान जगह है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि ब्लैक होल से किसी भी तरह का विद्युत् चुम्बकीय विकिरण (Electro Magnetic radiation) नहीं निकलता है ! वास्तव में ब्लैक होल्स से जिस तरह का विद्युत् चुम्बकीय विकिरण निकल रहा है उसे आज के वैज्ञानिकों द्वारा डेवेलप किये गए अल्प सामर्थ्य वाले सेन्सर्स से सेन्स कर पाना मुश्किल है !
किन्तु ये निश्चित है कि भविष्य में सभी वैज्ञानिक हमारे द्वारा प्रकाशित इस सत्य को भी स्वीकारेंगे कि ब्लैक होल्स से भी लगातार विद्युत् चुम्बकीय विकिरण निकल रहा है ! ब्लैक होल्स व वाइट होल्स दोनों की इन्ही विचित्र करैक्टरिस्टिक की वजह दोनों में समय की गति भी नार्मल नहीं है !
तो यहाँ पर इस भ्रांति का भी खंडन हो गया कि ब्लैक होल्स ही इंटरडाईमेंशनल पोर्टल होते हैं ! तो फिर प्रश्न बनता है कि इंटरडाईमेंशनल पोर्टल क्या होतें है और यह कहा पाए जाते हैं ! इंटरडाईमेंशनल पोर्टल क्या होतें है; इसके बारे में “स्वयं बनें गोपाल” समूह पूर्व में भी कई लेख प्रकाशित कर चुका है, पर ये कहा होतें हैं इसके बारे में कुछ नयी जानकारियां डॉक्टर सौरभ उपाध्याय जी के अनुसार निम्नवत हैं-
दुनिया का सबसे प्रसिद्ध इंटरडाईमेंशनल पोर्टल है, बरमूडा ट्राएंगल (Bermuda Triangle) जिसकी उत्पत्ति के कारण के बारे में, विश्व में पहली बार एक बेहद चौकाने वाला खुलासा कर रहें डॉक्टर सौरभ कि बरमूडा ट्राएंगल के समुद्र के नीचे, काफी पहले परग्रहियों (अर्थात एलियंस; Aliens) द्वारा गिराया गया एक अत्यधिक विशालकाय व शक्तिशाली चुम्बकीय संयत्र (Magnetic device) है जिससे लगातार निकलने वाली प्रचंड विद्युत् चुम्बकीय (इलेक्ट्रो मैग्नेटिक) किरणे, पृथ्वी के उस क्षेत्र की विमाओं को छिन्न भिन्न करके वहां पर एक ऐसा विचित्र भंवर बना रही हैं जिसमें फसने वाली कोई भी चीज, या तो बेहद कम समय में अत्यधिक दूर पहुच जाती है या तो अपनी विमाओं तक को पार करते हुए किसी दूसरे डायमेंशन तक में पहुच जा रही है !
वास्तव में टाइम – स्पेस थ्योरी (Time Space theory) से ही इस ब्रह्मांड के कई राज खोले जा सकते हैं लेकिन समस्या यह है कि यह थ्योरी इतनी रहस्यमय व कठिन है कि वर्षो तक मेहनत करने के बाद भी बड़े से बड़े वैज्ञानिक इसमें कोई ख़ास निष्कर्ष नही निकाल पाते हैं लेकिन अगर ईश्वरीय कृपा व गुरु सत्ता का आशीर्वाद हो तो सर्वहित के लिए जानकारियों को एकत्र करने में सफलता जरूर मिलती है !
डॉक्टर उपाध्याय कहते हैं कि वास्तव में यह ब्रह्मांड इतना जटिल है कि इसे सिर्फ एक ही थ्योरी से समझ पाना सम्भव नही है इसिलए डॉक्टर सौरभ, विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक स्टीफेन हाकिंग की थ्योरी ऑफ़ एव्रीथिंग (Stephen Hawking’s Theory of Everything) को गलत मानते हैं क्योंकि डॉक्टर सौरभ का कहना है कि इस ब्रह्मांड में जहां द्वैत सिद्धान्त कई मामलों में सही बैठता है तो वहीँ कई मामलों में अद्वैत सिद्धांत भी सही बैठता है !
(ब्रह्माण्ड व एलियंस सम्बंधित हमारे अन्य हिंदी आर्टिकल्स एवं उन आर्टिकल्स के इंग्लिश अनुवाद को पढ़ने के लिए, कृपया नीचे दिए गए लिंक्स पर क्लिक करें)-
क्या चंद्रयान -2 के लैंडर ‘विक्रम’ से सम्पर्क टूटने के पीछे एलियंस का हाथ है
“स्वयं बनें गोपाल” समूह खुलासा कर रहा है भारत में हो सकने वाले एलिएंस के वर्तमान संभावित शहर की
यू एफ ओ, एलियंस के पैरों के निशान और क्रॉस निशान मिले हमारे खोजी दल को
वैज्ञानिकों के लिए अबूझ बनें हैं हमारे द्वारा प्रकाशित तथ्य
क्या एलियन से बातचीत कर पाना संभव है ?
ऋषि सत्ता की आत्मकथा (भाग – 1): पृथ्वी से गोलोक, गोलोक से पुनः पृथ्वी की परम आश्चर्यजनक महायात्रा
क्या वैज्ञानिक पूरा सच बोल रहें हैं बरमूडा ट्राएंगल के बारे में
एलियन्स कैसे घूमते और अचानक गायब हो जाते हैं
जानिये कौन हैं एलियन और क्या हैं उनकी विशेषताएं
यहाँ कल्पना जैसा कुछ भी नहीं, सब सत्य है
जानिये, मानवों के भेष में जन्म लेने वाले एलियंस को कैसे पहचाना जा सकता है
क्यों गिरने से पहले कुछ उल्कापिण्डो को सैटेलाईट नहीं देख पाते
आखिर एलियंस से सम्बन्ध स्थापित हो जाने पर कौन सा विशेष फायदा मिल जाएगा ?
सावधान, पृथ्वी के खम्भों का कांपना बढ़ता जा रहा है !
जिसे हम उल्कापिंड समझ रहें हैं, वह कुछ और भी तो हो सकता है
Our research group finds U.F.O. and Aliens’ footprints
The facts published by us are still the riddles for the scientists
Is it possible to interact with aliens?
Are Scientists telling the complete truth about Bermuda Triangle ?
What we consider as meteorites, can actually be something else as well
How aliens move and how they disappear all of sudden
Who are real aliens and what their specialties are
Why satellites can not see some meteorites before they fall down
Know how to identify the aliens who are born in human form
There is nothing imaginary here, everything is true
Eventually what do we get benefited with if the actual contact with Aliens gets established
Beware, shaking of pillars of earth is increasing !
कृपया हमारे फेसबुक पेज से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
कृपया हमारे यूट्यूब चैनल से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
कृपया हमारे ट्विटर पेज से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
कृपया हमारे ऐप (App) को इंस्टाल करने के लिए यहाँ क्लिक करें
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण से संबन्धित आवश्यक सूचना)- विभिन्न स्रोतों व अनुभवों से प्राप्त यथासम्भव सही व उपयोगी जानकारियों के आधार पर लिखे गए विभिन्न लेखकों/एक्सपर्ट्स के निजी विचार ही “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान की इस वेबसाइट/फेसबुक पेज/ट्विटर पेज/यूट्यूब चैनल आदि पर विभिन्न लेखों/कहानियों/कविताओं/पोस्ट्स/विडियोज़ आदि के तौर पर प्रकाशित हैं, लेकिन “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान और इससे जुड़े हुए कोई भी लेखक/एक्सपर्ट, इस वेबसाइट/फेसबुक पेज/ट्विटर पेज/यूट्यूब चैनल आदि के द्वारा, और किसी भी अन्य माध्यम के द्वारा, दी गयी किसी भी तरह की जानकारी की सत्यता, प्रमाणिकता व उपयोगिता का किसी भी प्रकार से दावा, पुष्टि व समर्थन नहीं करतें हैं, इसलिए कृपया इन जानकारियों को किसी भी तरह से प्रयोग में लाने से पहले, प्रत्यक्ष रूप से मिलकर, उन सम्बन्धित जानकारियों के दूसरे एक्सपर्ट्स से भी परामर्श अवश्य ले लें, क्योंकि हर मानव की शारीरिक सरंचना व परिस्थितियां अलग - अलग हो सकतीं हैं ! अतः किसी को भी, “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान की इस वेबसाइट/फेसबुक पेज/ट्विटर पेज/यूट्यूब चैनल आदि के द्वारा, और इससे जुड़े हुए किसी भी लेखक/एक्सपर्ट के द्वारा, और किसी भी अन्य माध्यम के द्वारा, प्राप्त हुई किसी भी प्रकार की जानकारी को प्रयोग में लाने से हुई, किसी भी तरह की हानि व समस्या के लिए “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान और इससे जुड़े हुए कोई भी लेखक/एक्सपर्ट जिम्मेदार नहीं होंगे ! धन्यवाद !