डॉक्टर्स को दूर रखने वाले बेहद आसान घरेलु नुस्खे (भाग – 1)

rfrwevevefr–  देसी गुलाब की 9-10 पंखुड़ियों को एक गिलास पानी में कुछ घंटों के लिए भिगो दें। इस पानी से नियमित रूप से आंखें धोने पर आँखों की थकावट दूर होती है।

 

– अल्सर के मरीजों को बादाम का सेवन करना चाहिए। बादाम पीसकर इसका दूध बना लीजिए। इस दूध को सुबह-शाम पीने से अल्सर ठीक होता है।

 

– सौंफ को मिश्री या चीनी के साथ पीस लें। सोते समय लगभग 5 ग्राम चूर्ण हल्के गुनगुने पानी के साथ लें। पेट की समस्या नहीं होगी व गैस और कब्ज दूर होगी।

 

– यदि शरीर के किसी हिस्से में कांटा चुभ गया हो तो उस जगह पर शुद्ध हींग का घोल भर दें। इससे दर्द भी खत्म होगा और कांटा भी अपने आप निकल जाएगा।

 

– चिकन पॉक्स के घावों को सूख जाने के बाद उन पर जमी पपड़ी पर अच्छी तरह से शहद लगाएं। इससे इन घावों के दाग नहीं पड़ेंगे।

 

– हरी पत्तेदार सब्जियों और मसालों में मेथी की अपनी खास जगह है। मेथी लीवर ऑयल की तरह घुटनों का दर्द, स्नायु रोग, बहुमूत्र रोग, सूखा रोग, खून की कमी आदि में लाभदायक रहती है। मुंहासे होने पर मेथी की पत्तियां पीसकर चेहरे पर लगाएं फायदा मिलेगा।

 

– ककड़ी और आलू के टुकड़ों को आंखों पर रखने से आंखों को ठंडक पहुंचती है और डार्क सर्कल कम होते हैं। आंखों में गुलाब जल डालना भी लाभकारी है। अक्सर धूप में घूमने से भी डार्क सर्कल बढ़ने लगते हैं। इसलिए धूप में घूमते वक्त सन ग्लासेस का इस्तेमाल करें।

 

– आंखों की पफीनेस दूर करने के लिए एलोवेरा बहुत काम आता है। एक स्वच्छ कपड़े को एलोवेरा जूस में डूबोकर उससे आंखें पोंछ लें। ऐसा लगातार करने से पफीनेस चली जाएगी।

 

– मुंह से दुर्गध आ रही हो तो एक चम्मच सरसों के तेल में आधा चम्मच नमक मिलाकर इससे मसूड़ों की मालिश करें। मसूड़े मजबूत होंगे और दुर्गन्ध चली जाएगी।

 

– मॉर्निग सिकनेस से परेशान हों तो 15-20 मुलायम कड़ी पत्तों का रस निकालकर दो चम्मच नीबू के रस में मिलाएं और एक चम्मच शहद के साथ दिन में 3-4 दफा लें।

 

– कोकोनट: इसमें भरपूर मात्रा में मीडियम चेन ट्राईग्लिसराइड्स होते हैं, जिससे बॉडी का मेटाबॉलिजम 30 पर्सेंट तक बढ़ जाता है।

 

– लहसुन: इसमें पाया जाने वाला एलिसिन शरीर से फैट कम करने में मदद करता है।

 

– लाल मिर्च: ये बॉडी टेंप्रेचर को बढ़ाने और मेटाबॉलिजम को तेज करने में मददगार होता है।

 

– अदरक: सदियों से पेट की दिक्कतों के लिए इस्तेमाल होने वाला अदरक डाइजेस्ट करने की क्षमता को बेहतर करने के साथ-साथ पेट पर जमे फैट को कम करने में मदद करता है।

 

– प्याज: प्याज को रेग्युलर डाइट का हिस्सा बनाएं। इससे कॉलेस्ट्राल की मात्रा घटाने में मदद मिलती है।

 

– नींबू: लिवर में मौजूद टॉक्सिक एजेंट्स को कम करने में नींबू का कोई सानी नहीं। डाइजेशन और फैट बर्निंग के लिए लिवर का हेल्दी होना जरूरी है।

 

– बंदगोभी: एक कप पकी हुई बंदगोभी में महज 33 कैलरी की मौजूदगी इसे बेहतरीन फैट बर्निंग ऑप्शन बनाता है। पकाए जाने के बाद भी इसमें पोषक तत्व मौजूद होते हैं।

 

– फ्लैक्सीड (अलसी): इसमें लिगनैन नाम का तत्व पाया जाता है, जो वेट लूज करने में मदद करता है। इसके बीजों को पीसकर हर दिन दलिया या सलाद के साथ इस्तेमाल करें।

 

– मसूर की दाल: प्रोटीन मसल्स के बनने और मेटाबॉलिजम बढ़ाने में मददगार होता है। 100 ग्राम मसूर की दाल में 26 ग्राम प्रोटीन होता है।

 

– मट्ठा और छाछ: यह भी एक लो फैट हाई प्रोटीन सप्लिमेंट है

 

– पालक: इसमें शरीर में कॉलेस्ट्राल की मात्रा घटाने की क्षमता होती है। साथ-साथ मेटाबॉलिजम बढ़ाकर फैट बर्न करता है।

 

– इसबगोल: डिनर से पहले एक ग्लास पानी में 1-3 चम्मच इसबगोल हमारे हाजमे को बेहतर करता है। यह कब्जियत को भी दूर करता है।

 

– सेब: ये फैट बर्निंग का बेहतरीन ऑप्शन हैं, क्योंकि इसमें फाइबर भरपूर मात्रा में मौजूद होता है। सेब में मौजूद पेक्टीन बॉडी सेल्स को फैट अब्सॉर्व करने से रोकता है।

 

– अखरोट: इसमें ओमेगा-3 की भरपूर मात्रा आपको हेल्दी बनाए रखने में मदद करता है।

 

– गाजर: एक मीडियम साइज के गाजर में 55 कैलरी की मौजूदगी इसे न्यूट्रीशनल पावरहाउस का दर्जा दिलाता है।

 

– ऐसी चीजें खाएं, जिनमें फाइबर खूब हो, जैसे गेहूं, ज्वार, बाजरा, जई, ईसबगोल आदि। दलिया, स्प्राउट्स, ओट्स और दालों के फाइबर से कॉलेस्ट्रॉल कम होता है। आटे में चोकर मिलाकर इस्तेमाल करें। गेहूं, बाजरा आदि अनाजों की मिक्स रोटी खाएं।
 

(नोट – हर मरीज की शारीरिक सरंचना व परिस्थितियां अलग अलग हो सकतीं हैं इसलिए इस वेबसाइट में दिए हुए किसी भी यौगिक, आयुर्वेदिक व प्राकृतिक उपायों को आजमाने से पहले किसी योग्य योगाचार्य, वैद्य व चिकित्सक से परामर्श अवश्य ले लें)

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