एक्यूप्रेशर से सम्बंधित संक्षिप्त जानकारियाँ

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चिकित्सा की अन्य पद्धतियों की तरह एक्युप्रेशर भी इलाज का एक बेहतरीन तरीका होता हैं। अब ये तरीके अपने यहां भी इस्तेमाल में लाए जा रहे हैं।

एक्युप्रेशर में एक्यु चीनी भाषा का शब्द है, जिसका मतलब है पॉइंट, यानी अगर शरीर के कुछ खास पॉइंट्स पर सूई से पंक्चर (छेद) कर बीमारियों का इलाज किया जाए तो एक्युपंचर कहलाता है और अगर उन्हीं पॉइंट्स पर हाथ से या किसी इक्युपमेंट से दबाव डाला जाए तो एक्युप्रेशर कहलाता है।

कई विशेषज्ञों का मानना है कि एक्युप्रेशर भारत की ही प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है जिसे मर्दन विद्या कहते थे। कईयो का विचार है कि, बोद्ध मत के प्रचार के समय इस चिकित्सा प्रणाली का चीन में पदार्पण हुवा। वहां इस चिकित्सा पद्धति का स्वरक्षण हुवा। वर्तमान में यह चीनी चिकित्सा पद्धति एक्यूप्रेशर व एक्यूपंचर के नामों से विश्व भर में विख्यात हो गयी हैं।

मानव शरीर की रक्तवाहिकाओं तथा स्नायु संस्थान की सभी नाडि़यों के अंतिम सिरे हाथ पैर में व शरीर पर निशिचत किए हुए लाभ बिन्दुओं पर होते हैं। सम्बंधित अंग की तंत्रिका बिंदु पर या लाभ बिन्दुओं पर विशेष दबाव देने से उक्त अंग में ऊर्जा प्रभाव सामान्य बनाया जा सकता है। प्रत्येक बिंदु पर दबाव की एक निशिचत प्रक्रिया और समय (सामान्यतया 2 से 5 मिनट) होता है। दबाव द्वारा सम्बंधित अंगों की कार्य क्षमता में वृद्धि की जा सकती हैं और रोग मुक्त किया जा सकता हैं। {ऊपर बने हुए एक्यूप्रेशर पॉइंट्स के इमेज (चित्र) को और बड़ा देखने के लिए उस पर माउस से क्लिक करें}

एक्यूप्रेशर द्वारा शरीर पर प्रभाव –

– स्नायु संस्थान में व्याप्त विकृति को दूर करना।

– अंतःस्त्रावी ग्रंथियों का कार्य उचित प्रकार से करना।

– मांसपेशियों के ऊतकों में आवश्यक लचक पैदा करना।

– त्वचा में स्फूर्ति पैदा करना।

– शरीर के आवश्यक तत्वों में रक्त का उचित प्रसार एवं प्रवाह करना।

एक्यूप्रेशर के कुल 365 पॉइंट्स में से कुछ ऐसे हैं, जो काफी असरदार होते हैं और कई तरह की बीमारियों में राहत दिलाते हैं। डिप्रेशन, सिरदर्द, चक्कर और सेंस ऑर्गन यानी नाक, कान और आंख से जुड़ी बीमारियों में राहत पाना हो चाहे दिमागी असंतुलन, लकवा, और यूटरस की बीमारी हो गई हो तो उसमें एक्यूप्रेशर बहुत लाभदायक होता है। यहाँ पर दिए गए चित्रो में शरीर के कई अंगो के सम्बंधित रोगो के पॉइंट्स दर्शाये गये है।

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