अब हमें अँधेरा और गरीबी भी पसन्द आने लगा है इसलिए जाति के नाम पर वोट देना नहीं छोड़ेंगे

crowd

ये कट्टरपन उन विचित्र लोगों का है जो जिन्दगी भर गरीबी, अँधेरा आदि जैसी चीजों को झेलते रहते हैं पर जब इलेक्शन का टाइम आता है तो बस भेड़ की तरह अपने जाति वाले नेता के पक्ष में खड़े हो जाते हैं ! पता नहीं क्या, कलह का बेहद शक्तिशाली बीज ये जातिगत राजनीति करने वाले नेता, इलेक्शन के टाइम समाज में बो देते हैं कि बहुत से लोग अपनी अपनी गरीबी के प्रचण्ड दुःख को भूलकर, काल्पनिक जातिगत शत्रुता को प्राथमिकता देने लगते हैं !

यह परम आश्चर्य की बात है कि, जो गरीबी हर मिनट खून के आंसू रूला रही है वही गरीबी वोट डालते समय भुला दी जाती है ! कुछ लोग तो अपने से ही साबित करते हैं कि उनकी पांच साल की गरीबी की कीमत, इलेक्शन टाइम की केवल कुछ बोतल दारू व मुर्गा है !

अरे संविधान में हक है हर आदमी का कि सरकार उसे रोटी कपड़ा मकान दे और जो पार्टी और उसके विधायक पब्लिक को उनका हक़ देने की बजाय, बार बार जाति, मजहब में ही फसाकर कई सालों से शासनसुख का राजभोग कर रहें हैं, कम से कम उन पार्टी की असलियत के प्रति तो लोगों को सावधान हो जाना चाहिए कि, इन इन पार्टीयों को हम कई बार सत्ता में ले आ चुके है, लेकिन इन जातिवादी पार्टियों ने हमारा कुछ भी भला करने की बजाय सिर्फ अपनी तिजोरियां भरी है !

अपनी जाति के नेता का अंध समर्थन करने वाले लोगों को लगता है कि उनकी जाति की पार्टी अगर सत्ता में आ जाएगी तो उनका समाज में रुतबा बढ़ेगा और अगर कभी उन पर कोई मुसीबत पड़ेगी तो जातिवाद की वजह से उनको प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष सरकारी सहायता मिलेगी !

इन्ही दो पैसे के मामूली फायदों के लिए कई लोग, अपनी गरीबी के परमानेंट निवारण, देश के विकास आदि जैसे मुददों को दरकिनार करते हुए अपनी जाति की पार्टी को पिछले कई सालों से वोट देते आ रहें हैं ! सिर्फ जाति और मजहब की राजनीति करने वाले जितने भी नेता हैं वो भले ही ऊपर से साधारण कपड़ों में नजर में आयें लेकिन उनका घर, फर्नीचर व अन्य सुख सुविधा के सामान आलीशान और करोड़ो के होतें हैं !

neta

जनता के पेट भरने के लिए आये सरकारी पैसे से अपनी तिजोरी भरने वाली पार्टी और उनके नेताओं से जनता जब अपनी गरीबी से परेशान होकर कुछ जवाब मांगने जाती है तो ये नेता इतने बड़े चालाक हैं कि जनता का ध्यान बांटने के लिए कोई जाति गत शिगूफा छोड़ देते हैं जैसे कि हमारी जाति वालों के साथ अत्याचार हो रहा है, हमारे मजहब के साथ साजिश हो रही है आदि आदि !

और गजब के कुछ लोग भी हैं जिनकी पेट की आग, खाने से नहीं बल्कि गैरबिरादरी की शत्रुता की आग से भर जाती है ! जनता के बीच में मौजूद ऐसे लोग जब मिर्च मसाला लगाकर बनाये हुए काल्पनिक शिगूफे को अपने नेता या बिकाऊ मीडिया के माध्यम से सुनते हैं तो उनके मन में अपनी गरीबी की तकलीफ की जगह फिर से अपने जाति के नेता के लिए सहानुभूति पैदा होने लगती हैं !

भारत के लगभग कई प्रदेशों में देख लीजिये कि जाति के नाम पर कुछ बड़े बड़े नेता और उनकी पार्टिया पिछले कई साल से लोगों को बेवकूफ बनाकर शासन की रबड़ी मलाई खा रहें हैं और उनको कई कई साल से वोट देकर जिताने वाले उनकी जाति के बहुत से वफादार लोग आज भी गरीबी और अँधेरे से भरी दुखद जिन्दगी जी रहें हैं !

इस अराजकता के लिए जितने जिम्मेदार ये नेता हैं उतने ही वे लोग भी हैं जो ना जाने क्यों एक ही गलती बार – बार करते हैं कि विकास को वोट देने की बजाय अपनी जाति को वोट दे आते हैं ! अपनी भारत माँ को पिछली कई सरकारों ने जम कर लूटा खसोटा है और उनके गोरख धंधे आम जनता को पता नहीं चले इसलिए ऐसी सरकारें पिछले कई सालों से कई बिकाऊ मीडिया (बिकाऊ अख़बार और न्यूज़ चैनल्स) को नियमित रूप से ‘मैनेज’ भी कर रही हैं !

इन्ही सब दुर्व्यवस्थाओं के चलते ही हमारा देश, अन्य देशों की तुलना में लगातार पिछड़ते चला गया है, और यह प्रथा आगे भी चलती रहे, ऐसा होने से रोकने के लिए हम सभी जिम्मेदार नागरिकों को भरसक प्रयास करना चाहिए ! इस प्रयास का सबसे पहला हिस्सा है देश को और प्रदेशों को किसी मजबूत और 100 प्रतिशत वास्तविक ईमानदार (दिखावटी ईमानदार नहीं) नेतृत्व के हाथों में सौपना !

देश की कमान तो एक उच्च स्तर के तपस्वी नेतृत्व के हाथों में आ चुकी है और अब इस पवित्र नेतृत्व का टिकाऊ असर धीरे धीरे मैक्रो लेवल (बड़े स्तर) पर साफ़ साफ़ दिखना शुरू हो गया है और जल्द ही माइक्रो लेवल (निम्न स्तर अर्थात हम आम जनता तक) पर भी दिखना शुरू हो जाएगा !

आज के परिवेश में मोदी जी जितना ईमानदार सेनापति भारत में पिछले कई सालों में कोई नहीं दिखा, जिसका सबसे बड़ा प्रमाण है उनकी कायाकल्प करने की अदभुत क्षमता ! मोदी जी को एक जीता जागता पारस पत्थर कहना गलत नहीं होगा क्योंकि उन्हें कितनी भी ख़राब से ख़राब स्थिति में कोई भी जिम्मेदारी (प्रदेश या देश) मिले, वो उसे अपनी प्रचण्ड मेहनत से धीरे धीरे सोने के समान बहुमूल्य बनाने लगते हैं !

मोदी जी में कायाकल्प करने की क्या अदभुत क्षमता है इसका जीता जागता उदाहरण हैं गुजरात, जो कि मोदी जी के हाथ में आने से पहले तक बिजली, पानी, सड़क आदि जैसी बहुत सी मूलभूत सुविधाओं को तरसता था पर अब वहां हर एक एक गाँव में 24 घंटे बिजली, पानी, बहुत चौड़ी मजबूत सड़कों के अलावा हाई स्पीड इन्टरनेट, किसानों को ढेरों वास्तविक मुफ्त सहायता, अति आधुनिक मुफ्त हॉस्पिटल, मजबूत कानून व्यवस्था आदि जैसे सैकड़ों सुविधाएँ श्रेष्ठ रूप में मौजूद हैं !

गुजरात केवल एक प्रदेश था तब भी उसे ठीक करने में 12 – 13 साल लग गए जबकि भारत एक बहुत बड़ा देश है और यहाँ केंद्र सरकार के अलावा प्रदेश सरकारें भी हैं और इन प्रदेश सरकारों में से कई प्रदेश सरकारें ऐसी भी हैं जो राजनैतिक रंजिश के चलते मोदी जी के द्वारा शुरू किये गए नए विकास कार्यों को अपने प्रदेश में ठीक से व्यवस्थित नहीं होने देना चाहती हैं !

कोई प्रदेश सरकार, केंद्र सरकार के अच्छे कामों को कैसे गुड़ गोबर कर सकती हैं इसको इस सामान्य उदाहरण से भी थोड़ा बहुत समझा जा सकता है, जैसे आप किसी घर के हेड ऑफ़ द फैमिली हैं ! आपका बेटा सीधा सादा गरीब है और उसकी हर कोशिश के बावजूद भी वो आर्थिक रूप से मजबूत नहीं हो पाया इसलिए वो कम तनख्वाह पर कड़ी मेहनत वाली छोटी मोटी नौकरी करके किसी तरह कुछ रूपए कमा लेता है ! आपके उस इकलौते बेटे की पत्नी स्वार्थी, दबंग व झगड़ालू स्वभाव की है इसलिए वो उस गरीब लड़के की ठीक से देखभाल नहीं करती है !

आपको अपने उस बेटे पर तरस आती है और आप उस लड़के की देखभाल ज्यादा ठीक से करने के लिए, उसके मन पसंद की सुख सुविधा व अन्य जरूरी सामानों को खरीद कर उस लड़के को देते रहते हैं  !

लेकिन आपका गरीब बेटा, नौकरी से थंका मांदा घर आने के बाद अपनी रोजमर्रा की घरेलू जरूरतों के लिए पूरी तरह से अपनी पत्नी पर निर्भर है, पर पत्नी तो स्वभाव से दुष्ट व स्वार्थी है इसलिए आपके द्वारा आपके बेटे को दिए गए सामानों में से कई सामानों को आपकी चालाक बहू आपके बेटे को देने की बजाय खुद ही इस्तेमाल कर लेती है और इतना ही नहीं आस पड़ोस में दुष्प्रचार भी करती है कि ससुर जी तो हम लोगों की कोई मदद तो करते ही नहीं और हम मियां बीबी को गरीबी में मरने के लिए छोड़ रखा है !

आपको आपकी बहू की इस दुष्टता पर बहुत गुस्सा आता है लेकिन आप एक इज्जतदार घर से सम्बन्ध रखते हैं इसलिए आप एक मर्यादा के दायरे में ही रखकर अपनी बहू को डांट सकते हैं लेकिन कुछ विचित्र किस्म के बेहया जीव होते हैं जिनको कितना भी डांटो फटकारो, उनकी अंतरात्मा नहीं जागती, ठीक उसी तरह अगर आपकी बहू की चालाकियां आपके डांटने पर भी कम नहीं हो रही है तो आपके पास बस एक ही रास्ता बचता है कि आप उस दुष्ट बहू से अपने लड़के का पीछा छुड़ाकर कोई सभ्य बहू लेते आयें !

ठीक यही स्थिति हमारे देश की भी है ! मोदी जी (यानी हेड ऑफ़ द फैमिली) की तरफ से कई जबरदस्त सहायतायें प्रदेशों को दी जा रही हैं लेकिन राजनैतिक रंजिश निभाने के लिए कई राजनैतिक पार्टियाँ (यानी जैसे आपकी स्वार्थी बहू) उन सहायताओं को ना जाने कहा गायब कर देती हैं कि आम जनता (यानी जैसे – आपका गरीब बेटा) तक कुछ पहुच ही नहीं पा रहा है !

हद तो तब हो जाती है, जब कई राजनैतिक पार्टियाँ जनता के पैसे को अपनी अपनी तिजोरियों में भरने के बाद बिकाऊ मीडिया के माध्यम से खूब चिल्लाते हैं कि हमें तो ऊपर से कोई सहायता मिल ही नहीं रही है (ठीक आपकी मायावी बहू की तरह) !

ऐसी सभी घुटनपूर्ण अराजकता को ख़त्म करने के लिए सबसे प्रभावी तरीका यही है कि ऐसे प्रदेशों में भी मोदी जी के नियंत्रण वाली सरकार लाया जाय जिससे मोदी जी उस प्रदेश को सीधे तौर पर गुजरात की ही तरह, विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ा सकें !

हर दिन, हर आदमी की आयु का 1 – 1 दिन तेजी से कम होता जा रहा है और अब हम भारत वासियों के पास इतना इफरात समय नहीं है कि अमेरिका, इंग्लैंड की तरह, विकसित भारत देखने के लिए हम 40- 50 साल का बहुत लम्बा इन्तेजार करें इसलिए इस चुनाव में सिर्फ और सिर्फ तरक्की को जिताना है और अपने प्रदेशों को भी स्वर्णिम प्रदेश बनाना है !

कृपया हमारे फेसबुक पेज से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

कृपया हमारे यूट्यूब चैनल से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

कृपया हमारे ट्विटर पेज से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

कृपया हमारे ऐप (App) को इंस्टाल करने के लिए यहाँ क्लिक करें


डिस्क्लेमर (अस्वीकरण से संबन्धित आवश्यक सूचना)- विभिन्न स्रोतों व अनुभवों से प्राप्त यथासम्भव सही व उपयोगी जानकारियों के आधार पर लिखे गए विभिन्न लेखकों/एक्सपर्ट्स के निजी विचार ही “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान की इस वेबसाइट/फेसबुक पेज/ट्विटर पेज/यूट्यूब चैनल आदि पर विभिन्न लेखों/कहानियों/कविताओं/पोस्ट्स/विडियोज़ आदि के तौर पर प्रकाशित हैं, लेकिन “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान और इससे जुड़े हुए कोई भी लेखक/एक्सपर्ट, इस वेबसाइट/फेसबुक पेज/ट्विटर पेज/यूट्यूब चैनल आदि के द्वारा, और किसी भी अन्य माध्यम के द्वारा, दी गयी किसी भी तरह की जानकारी की सत्यता, प्रमाणिकता व उपयोगिता का किसी भी प्रकार से दावा, पुष्टि व समर्थन नहीं करतें हैं, इसलिए कृपया इन जानकारियों को किसी भी तरह से प्रयोग में लाने से पहले, प्रत्यक्ष रूप से मिलकर, उन सम्बन्धित जानकारियों के दूसरे एक्सपर्ट्स से भी परामर्श अवश्य ले लें, क्योंकि हर मानव की शारीरिक सरंचना व परिस्थितियां अलग - अलग हो सकतीं हैं ! अतः किसी को भी, “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान की इस वेबसाइट/फेसबुक पेज/ट्विटर पेज/यूट्यूब चैनल आदि के द्वारा, और इससे जुड़े हुए किसी भी लेखक/एक्सपर्ट के द्वारा, और किसी भी अन्य माध्यम के द्वारा, प्राप्त हुई किसी भी प्रकार की जानकारी को प्रयोग में लाने से हुई, किसी भी तरह की हानि व समस्या के लिए “स्वयं बनें गोपाल” संस्थान और इससे जुड़े हुए कोई भी लेखक/एक्सपर्ट जिम्मेदार नहीं होंगे ! धन्यवाद !