यह कैसा बहुरूपियापन

kjl

समाज में दोहरे मापदंड वाले बहुरूपिये लोग काफी अच्छा पैसा कमा रहे हैं ! कई उदाहरण हैं जो ऐसे बहुरूपिये लोगों की असलियत साबित करते हैं ! जैसे कुछ बहुरूपिये, एक तरफ हाथ में बड़े बड़े बैनर उठाकर सड़कों पर शान्ति मार्च करते हैं तथा जगह जगह भाषण इंटरव्यू आदि देकर कहते हैं कि आपस में प्रेम से रहिये, जीवों पर दया करिए आदि आदि, दूसरी तरफ वही बहुरूपिये अपने घर पर आकर सारे प्रेम दया को ताक पर रखकर मासूम मुर्गे और बकरों की हत्या कर रखी गयी लाश को चटखारे लेकर खाते हैं ! वास्तव में ऐसे लोगो को जवाब देना चाहिए कि कबूतर, कुत्ते, घोड़े आदि जिन्हें पालकर प्रेम से खाना खिलाया जाता है, वे कैसे दया के पात्र बेचारे जीव हैं, जबकि मुर्गे, बकरे, सूअर आदी क्रूरता के पात्र जीव हैं ?

इसी तरह कई ऐसे बहुरूपिये देशभक्त गली गली पैदा हो गए हैं जो जनता को मूर्ख बनाने के लिए बीच बीच में देशभक्ति की कोई इमोशनल बात कहकर या देशभक्त आदरणीय क्रांतिकारियों की पुण्य तिथि मनाकर उसकी फोटो अखबार, फेसबुक में छपवा लेते हैं पर उन्ही क्रांतिकारियों की देशभक्त इमेज के पीछे छुपकर, धड़ल्ले से अपने देश द्रोही दल का महिमा मंडन करते हैं !

इन बहुरूपियों की बुद्धि कितनी ज्यादा विकृत है कि इन्हें इतना भी समझ में नहीं आता की कि जो पाप की कमाई कमाने का सुनहरा ख्वाब लेकर वे उन देश द्रोहियों के दल के साथ जुड़े हैं, वो ख्वाब कैसे पूरा होगा जब देश ही नहीं बचेगा ! सब काम करने की शक्ति तभी तक होती है जब तक शरीर जिन्दा है ठीक उसी तरह अभिव्यक्ति की आजादी भी तभी तक है जब तक देश गुलाम नहीं हैं, पर जब ऐसे जयचंदों की संख्या बढ़ने लगेगी तो देश दुबारा गुलाम नहीं होगा इसकी गारंटी कौन लेगा !

राष्ट्रीय पार्टियों में संभवतः सिर्फ भारतीय जनता पार्टी ही वो दल है जो खुल कर इन देश द्रोहियों का विरोध कर रही है पर देशद्रोही तत्व, भारत के अति उदारवादी प्रजातंत्र में दी गयी सुविधाओं का नाजायज फायदा उठाकर केन्द्र सरकार के द्वारा लिए जाने वाले संवैधानिक कदमों में अड़ंगे डाल रहे हैं ! देशद्रोही तत्व अपनी बातें मनवाने के लिए आम जनता में भ्रम फैला कर उन्माद भी फैला रहे हैं जिससे केन्द्र सरकार को बड़ा ऐतियात बरतना पड़ रहा है इन देशद्रोहियों को सबक सिखाने के लिए !

कोई किसी सज्जन पुरुष के पीठ में छूरा घोंपे तो लोग उसे पापी कहते हैं पर जब कोई अपने निजी स्वार्थ पूर्ति के लिए देशद्रोहियों के साथ खड़ा होकर उनके दल का समर्थन करे तो वो अपनी मातृ भूमि की पीठ में छूरा घोंप रहा है और इससे बड़ा पाप क्या होगा !

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