क्या वैज्ञानिक पूरा सच बोल रहें हैं बरमूडा ट्राएंगल के बारे में

लम्बे समय से ब्रह्मांड से सम्बंधित सभी पहलुओं पर रिसर्च करने वाले, “स्वयं बनें गोपाल” समूह से जुड़े हुए विद्वान रिसर्चर श्री डॉक्टर सौरभ उपाध्याय (Doctor Saurabh Upadhyay) के निजी विचार ही निम्नलिखित आर्टिकल में दी गयी जानकारियों के रूप में प्रस्तुत हैं-

वैज्ञानिकों की यह थ्योरी जिसे आजकल मीडिया द्वारा भी दिखाया जा रहा है कि बरमूडा ट्राएंगल पर विमानों और पानी के जहाजों के गायब होने का मुख्य कारण वहां उपस्थित मैग्नेटिक डिस्टर्बेंस, 250 किलोमीटर से भी तेज चलने वाले हवाई तूफ़ान और 50 फीट तक ऊपर उठने वाली समुद्री लहरें आदि हैं, तो क्या बस इतनी ही है पूरी सच्चाई ?

क्योंकि मुख्य प्रश्न यह हैं कि वहां का वातावरण प्रथम द्रष्टया इतना अशांत क्यों दिखता है ?

कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि वास्तव में कुछ 100 प्रतिशत सत्य का खुलासा करना समाज में अशांति पैदा कर सकता है इसलिए अथॉरिटीज द्वारा कभी कभी उस सत्य की जगह अर्ध सत्य या कोई दूसरी काल्पनिक मनगढ़न्त स्टोरी भी सुनाई जा सकती है !

वैज्ञानिकों ने मिलकर इतने सालों में जो जो भी फाइंडिंग्स (खोज) की है वो उनके हिसाब से बेहद कीमती है और जैसा की स्पष्ट है कि ज्यादातर मानव अपनी कीमती चीजों को छुपा कर रखने में ही बुद्धिमानी समझतें है उसी तर्ज पर वैज्ञानिकों ने भी उन बहुत से सीक्रेट्स को आम जनता से शेयर नहीं किया है !

लेकिन केवल यही एक मात्र कारण नहीं है इन जानकारियों को छुपा कर रखने का क्योंकि असल में मानवेत्तर (गैर मानवीय) जितने भी अनुभव होते हैं वे आश्चर्यजनक होने की वजह से रोचक तो होते हैं लेकिन उतने ही खतरनाक भी हो सकते हैं अगर किसी गलत स्वभाव के एलियन से पाला पड़ गया या किसी मानव ने जाने अनजाने अपनी अधिकार सीमा को पार करने की गलती कर दी तो !

कुछ वैज्ञानिकों को लग सकता है कि उन्होंने अब तक जो भी खोज की है वो बहुत यूनिक और एडवांस्ड है पर वास्तव में ऐसा ही हो, यह जरूरी नहीं है !

अधिक से अधिक बड़ी खोज के लिए अधिक से अधिक बड़े मार्गदर्शक की सहायता की आवश्यकता होती है !

ये मार्गदर्शक कोई भी हो सकता है, कोई भी मतलब, कोई भी !

अगर एलिएंस से सम्बन्ध स्थापित हो जाय तो एलियंस भी मार्गदर्शक की भूमिका अदा कर सकते हैं और बहुत से रहस्यमय पहलुओं के ऊपर से पर्दा उठा सकते हैं !

जितना ज्यादा शक्तिशाली एलियंस से सम्बन्ध स्थापित होता है उतनी ही हाई लेवल (उच्च स्तर) की जानकारी प्राप्त होती है !

मॉडर्न कल्चर में पले बढ़े वैज्ञानिकों में अगर कुछ विशेष आवश्यक पात्रताएं होंगी तो ही वे सर्वोच्च स्तर के एलियंस (जैसे – ईश्वर के गण आदि) की मदद पा पायेंगे अन्यथा उन्हें ज्यादा से ज्यादा कुछ उच्च स्तर के एलियंस (जैसे- ऋक्ष, यक्ष, दिक्पाल आदि) की ही मदद मिल सकती है !

(जैसा कि पूर्व के कई लेखों में हमने बताया है कि सबसे ज्यादा शक्तिशाली अर्थात सर्वोच्च स्तर के एलियंस से परमानेंट सम्बन्ध स्थापित करने के लिए किसी मानव के लिए कंपल्सरी व मिनिमम एलीजीबिलिटी क्राईटेरिया हैं – मांसाहार और मद्यपान से एकदम दूरी और उचित पात्रों की निःस्वार्थ सहायता अर्थात परोपकार की भावना)

आज की डेट में एलियंस के बारे में खोज करने वाले तो बहुत से विशेषज्ञ और खोजकर्ता हैं लेकिन उनमें से बहुत ही थोड़े से ऐसे हैं जो वाकई में अब तक किसी एलियन से संपर्क स्थापित कर पाने में सफल हो पाए हैं और जिन जिन मानवों ने अपनी कड़ी मेहनत और अथक प्रयासों से किसी एलियन से सम्पर्क स्थापित कर पाने में सफलता प्राप्त कर ली है वे सभी मानव, एलियंस से उनके सम्पर्क की बात को बहुत ही गुप्त रखने की कोशिश करते हैं !

वास्तव में एलियंस का संसार उम्मीद से कई गुना बढ़कर रहस्यमय है और ज्यादातर एलियन्स किसी मानव के सम्पर्क में आने के बाद, उस मानव का अपने रहस्यमय संसार से परिचय कराने से पहले ही उसे उन सभी रहस्यों को बेहद गुप्त रखने का सख्त आदेश और चेतावनी दे देते हैं !

एलियंस के सम्पर्क में रहने वाले ऐसे मानव जिन्होंने अपनी मेहनत से एलियंस से नियमित या अनियमित सम्पर्क स्थापित कर लिया है (ना कि किसी संयोग से एलियंस का दर्शन या क्षणिक सम्पर्क प्राप्त किया है), वे अधिकांश मानव एलियंस की हैरान कर देने वाली चमत्कारी भीषण ताकत की झलक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से देख चुके होते हैं इसलिए उनकी हिम्मत ही नहीं पड़ती है कि वे एलियंस के मना करने के बावजूद भी उनका राज सार्वजनिक करने की गलती कभी कर सकें !

इसी वजह से भी पिछले कई सालों से एलियंस सम्बंधित कोई अनुभव पूरी प्रमाणिकता से दुनिया के सामने नहीं आ सका !

जो जो भी मानव एलियंस के नियमित या अनियमित सम्पर्क में हैं, उनमें से ज्यादातर की हिम्मत ही नहीं है कि वे अपने एलियंस के अनुभव को दुनिया के सामने स्वीकार सकें !

कुछ वर्ष पहले तक कुछ मानवों ने अमेरिका आदि देशों में अति उत्साह में आकर एलियंस के कुछ रहस्यों को सार्वजनिक करने का प्रयास किया था लेकिन ऐसा कर पाने से पहले ही वे मानव रहस्यमय तरीके से मरे हुए पाए गए थे !

यहाँ तक कि कुछ लोगों द्वारा यह भी आरोप लगाए जाते हैं कि अमेरिका के सबसे चहेते राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की हत्या के पीछे की असली वजह उनके द्वारा शुरू किया गया वो अभियान था जिससे सीक्रेट सोसाइटी और एलियंस के कुछ बड़े गुप्त राज आम जनता के सामने लीक (खुल) हो सकते थे | इन आरोपों में यह शंका जताई जाती है कि राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी को इस अभियान को रोकने के लिए सीक्रेट सोसाइटी द्वारा चेताया भी गया था पर उनके ना मानने पर, उनकी हत्या की साजिश को एलियंस ने ही इस प्रकार रचा था कि कभी भी कोई यह संदेह ना कर सके कि इसके पीछे किसी एलियन का भी हाथ हो सकता है | इन आरोपों के अनुसार एलियंस ने राष्ट्रपति की हत्या अपने किसी दिव्य अस्त्र से नहीं बल्कि जानबूझकर कुछ मानवों द्वारा करवाई और हत्या हो जाने के बाद, हत्या के कारण के बारे में भी कई तरह की अन्य आशंकाओं व अफवाहों का माहौल खड़ा करवाया ताकि किसी का दिमाग कभी इस तरफ ना जा सके कि उनकी हत्या के पीछे एलियंस की नाराजगी भी कारण हो सकती है तथा साथ ही साथ एलियंस ने इस हत्या को भविष्य के सभी अमेरिकी राष्ट्रपतियों के लिए भी एक गुप्त सबक के रूप में पेश किया जिससे वे भी कभी एलियंस के राज को सार्वजनिक करने के बारें में गलती से भी ना सोचें !

इन्ही सब खतरों को देखते हुए कुछ लोग एलियंस की अनजान दुनिया की तुलना माफियाओं के अंडरवर्ल्ड से करते हैं जिसके बारे में साधारण बातचीत तो हर कोई कर सकता है लेकिन उसके बारे में एकदम अंदर तक घुस कर खोजबीन सिर्फ वही करता है जिसे वाकई में इसका जूनून हो !

इसलिए एलियंस के राज सार्वजनिक करने की हिम्मत वही मानव दिखा सकते हैं जिनकी खुद की रक्षा, स्वयं ईश्वर के आदेश पर अच्छे स्वभाव वाले सर्वोच्च शक्तिशाली एलियंस करते हों !

हमेशा याद रखने वाली बात ये है कि जैसे मानवों में अच्छे स्वभाव और बुरे स्वभाव वाले दोनों तरह के लोग होते हैं, वैसे ही एलियंस की लगभग सभी दिव्य प्रजातियों (नाग, यक्ष, गन्धर्व, किन्नर, किरात, विद्याधर, ऋक्ष, पितर, देवता, दिक्पाल आदि) में भी अच्छे स्वभाव और बुरे स्वभाव वाले दोनों तरह के एलियंस होते हैं !

अच्छे स्वभाव वाले एलियंस कभी भी किसी मानव के साथ कुछ भी बुरा नहीं करते हैं बल्कि हर सज्जन स्वभाव के स्त्री पुरुषों का उचित मार्गदर्शन खुद से करने की या किसी अन्य माध्यम से करवाने की हर संभव कोशिश सदैव करते रहते हैं !

कोई मानव अगर किसी अच्छे स्वभाव वाले एलियंस के सम्पर्क में होने के बावजूद भी उनकी सलाह नहीं मानता तो भी वे अच्छे एलियंस उसको कभी कोई नुकसान नहीं पहुचाते, बल्कि उस मानव के द्वारा बार बार अपनी अवेहलना होते देख, ज्यादे से ज्यादा बस उससे अपना सम्पर्क ख़त्म कर लेते हैं, और कुछ भी गलत नहीं करते क्योंकि उनका मानना है किसी के अच्छे/बुरे कर्मों का फल देना सिर्फ ईश्वर का काम है, ना कि उनका !

शायद निकट भविष्य के आने वाले बेहद कठिन समय में, फिर से खुल्लम खुल्ला (अर्थात सरेआम प्रकट होकर) तरीके से अच्छे स्वभाव के एलियंस को मानवों की रक्षा व सहायता के लिए आना पड़ सकता है क्योंकि भविष्य में आने वाली आपदाओं में से एक आपदा यह भी हो सकती है कि निरीह और अल्प सामर्थ्य वाले मानवों को बुरे स्वभाव वाले एलियंस का असहनीय कोप खुल्लमखुल्ला तरीके से झेलना पड़े !

पूर्वकाल में भी कई बार मानवों का एलियंस से सबके सामने खुल्लम खुल्ला तरीके से युद्ध हो चुका है जिनके कई वर्णन हमारे प्राचीन हिन्दू धर्म के ग्रन्थों में मिलते हैं | महाभारत का युद्ध इसका एक बड़ा उदाहरण था जहाँ मानवों के पक्ष और विपक्ष में एलियंस (अर्थात नाग, यक्ष, गंधर्व आदि सभी से) ने खुल्लमखुल्ला भीषण युद्ध किया था पर इस युद्ध के बाद श्री कृष्ण ने एक व्यवस्था स्थापित की थी कि आने वाले समय (अर्थात कलियुग) में एलियन्स सिर्फ किसी कल्याणकारी कार्य के लिए ही मानवों से सम्पर्क करें अन्यथा ना करें क्योंकि आने वाले समय के ज्यादातर मानव जो मानसिक तौर पर बहुत कमजोर व स्वार्थी होंगे, एलियंस की चमत्कारी शक्तियों की मदद से अपने छोटे से छोटे फायदों के लिए दूसरे मानवों का बुरा करने से बिल्कुल नहीं हिचकेंगे !

पर लगभग 5000 साल पहले श्रीकृष्ण द्वारा स्थापित की गयी यह व्यवस्था अब धूमिल पड़ती जा रही है जिसकी वजह से बुरे स्वभाव वाले एलियंस का मानवों के इस संसार में अब हस्तक्षेप लगातार बढ़ता जा रहा है जिसके कुछ प्रत्यक्ष – अप्रत्यक्ष दुष्परिणाम मानवों को अलग अलग तरीके से झेलने पड़ रहें हैं लेकिन अधिकाँश मानव यह समझ ही नहीं पाते कि इन समस्याओं के पीछे बुरे स्वभाव के किन्ही अदृश्य एलियंस का हाथ भी हो सकता है !

भविष्य में बुरे स्वभाव वाले एलियंस का दुस्साहस यदि बढता है तो उन्हें रोकने के लिए अच्छे स्वभाव के एलियंस का विरोध भी बढ़ सकता है और इन अच्छे व बुरे स्वभाव वाले एलियंस के आपसी मतभेद में फिर से अगर कोई भीषण युद्ध छिड़ गया तो पृथ्वी को किसी अपूरणीय नाश से बचाने के लिए इसकी संभावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है कि परमसत्ता अर्थात ईश्वर खुद ही इस विकट स्थिति को सम्भालने के लिए फिर से पृथ्वी पर किसी ना किसी रूप में अवतरित हो जाए !

ईश्वर सर्वशक्तिमान हैं इसलिए वो जो कुछ भी करना चाहते हैं, उसे निश्चित करके ही छोड़ते हैं तथा उन्हें क्या करना है और क्या नहीं करना है इसका निर्धारण या अनुमति कोई ऋषि, देवता, ग्रन्थ आदि नहीं करते या देते, बल्कि ईश्वर खुद ही करतें हैं इसलिए इनका एक नाम “स्वतन्त्र” भी है अर्थात अपनी इच्छाओं के पूर्ण मालिक | अतः ईश्वर को जब जब उचित लगता है तब तब वो अपने पूर्ण रूप में या अंश रूप में कहीं भी, किसी भी आकार में और किसी भी समय, बिना किसी पूर्व सूचना के अवतरित हो सकते हैं (जैसे – द्वापरयुग में श्रीकृष्ण के पैदा हो जाने से पहले तक बड़े बड़े ब्रह्मर्षि जो हर वेद पुराण के ज्ञाता और त्रिकालदर्शी कहे जाते थे, उनको तक को भी कोई पूर्व सूचना नहीं थी कि अभी स्वयं परमसत्ता इस पृथ्वी पर कहीं जन्म लेने वाले हैं) |

वास्तव में साकार ईश्वर की सारी योजनायें इतनी ज्यादा गुप्त होती हैं कि जब तक ईश्वर खुद किसी से ना बताना चाहें तब तक उसकी भनक कोई भी ग्रन्थ, ऋषि, देवता (एलियंस) आदि बिल्कुल नहीं पा सकते हैं, जिसका एक बड़ा उदाहरण है द्वापर युग में श्रीकृष्ण द्वारा की गयी वे कुछ गुप्त लीलाएं जिनके बारे में स्वयं ब्रहमांड के रचयिता ब्रह्मा जी तक को भी कुछ पता नहीं चल पाया था लेकिन श्रीकृष्ण के गोलोकधाम के गण और गणिकायें जो उस समय वृन्दावन में उनके सखा और गोपियों के साधारण रूप में पैदा हुए थे ,उन्हें उन गुप्त लीलाओं को जानने का परम सौभाग्य प्राप्त हुआ था ! जहाँ एक तरफ यह भी देखने को मिलता है कि ईश्वर अपनी लीलाओं में कभी अति साधारण काम (उदाहरण स्वरुप चैतन्य महाप्रभु की गुरु माँ जैसे भक्तों के घर में झाड़ू पोछा जैसे घरेलू काम करना आदि) भी करते हैं, वही दूसरी तरफ ईश्वर कुछ ऐसे परम दुर्लभ चमत्कारी काम (जैसे महारास नाम की परमदुर्लभ यौगिक क्रिया आदि) भी करते हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि ‘ना भूतो ना भविष्यति’ (अर्थात जो ना पहले कभी हुआ और ना ही कभी आगे हो पायेगा) !

जब द्वापर युग में महाभारत नामक भीषण युद्ध से पहले स्थिति सँभालने के लिए परमसत्ता, श्रीकृष्ण के रूप में जन्म लेने वाली थी तब उनके जन्म से ठीक कुछ क्षण पहले पूरी पृथ्वी को मानों काठ मार गया था क्योंकि हिरण्यगर्भ अर्थात ईश्वर जिनके खुद के गर्भ में अनन्त ब्रहमांड समायें हुए हैं, वे जब स्वयं पृथ्वी जैसे अति छोटे ग्रह के गर्भ में आने का प्रयास करने लगे तो पृथ्वी और (देवकी जी सहित) पृथ्वी के सभी प्राणियों को असहनीय बेचैनी होने लगी थी पर जैसे ही श्री कृष्ण पैदा हो गए वैसे ही पृथ्वी और सभी प्राणियों को अभूतपूर्व शान्ति प्राप्त हुई थी |

द्वापरयुग में ईश्वर द्वारा श्रीकृष्ण के रूप में लिया गया अवतार, एक पूर्ण अवतार (16 कलाओं युक्त) था ! वास्तव में अवतार का सिद्धान्त बहुत ही जटिल है जिसे ना तो आसानी से समझा जा सकता है और ना ही समझाया जा सकता है | हरि ने अनन्त अवतार लिए हैं तो उनकी लीलायें भी अनन्त रहीं हैं अर्थात उनकी सभी लीलाएं एक ही जैसी नहीं बल्कि काफी कुछ एक दूसरे से भिन्न भिन्न (अलग अलग) रहीं हैं | परमसत्ता यदि फिर से इस पृथ्वी पर कहीं पूर्ण रूप में या अंश रूप में अवतीर्ण होने वाली होगी तो, ना जाने इस बार उनके आने से पहले या उनके आने के बाद प्रकृति में किस तरह की हलचल मचेगी !

जहाँ तक बात है बुरे स्वभाव वाले एलियंस की तो इनसे सम्बन्धित आरोप दबी जबान में द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद भी लगाये गये थे कि द्वितीय विश्वयुद्ध में हिटलर के माध्यम से हुए भीषण रक्तपात के पीछे हिटलर का मानव दिमाग नहीं बल्कि हिटलर को अदृश्य रूप से काबू में रखकर निर्देशित करने वाले बुरे स्वभाव वाले एलियंस का हाथ था !

इन्ही सब पहलुओं को देखकर लगता है कि आज कि स्थिति वाकई में विचित्र हो चुकी है कि जहाँ एक तरफ वास्तव में एलियंस का हस्तक्षेप मानव जीवन में बढ़ता जा रहा है वहीँ अधिकाँश मानव इन सबसे एकदम बेखबर अपनी छोटी बड़ी अभीप्साओं के पीछे ही भागने में व्यस्त हैं अतः अब यह आवश्यक हो चुका है कि एलियंस के बारे में आम जनता में फैलाये गए सभी भ्रमों का नाश करके, उनके बारे में सही जानकारी देकर आम जनता का भी एलियंस के प्रति अथेंटिक ज्ञान बढ़ाया जाए !

जहाँ तक बात बरमूडा ट्राएंगल की है तो, नो डाउट यहाँ ऊपर लिखे हुए आंकड़ों के अनुसार तेज हवा, तेज समुद्री लहर, मैग्नेटिक डिस्टर्बेंस आदि है पर यह सब क्यों है इसके बारे में कुछ वैज्ञानिक असलियत जानते हुए भी एकदम मौन है !

जैसा कि “स्वयं बने गोपाल” समूह ने अपने पूर्व के लेखों में यह खुलासा किया है कि यह बरमूडा ट्राएंगल कुछ और नहीं सिर्फ एक इंटर डायमेंशनल पोर्टल है जिससे हमारे इस पूरे ब्रहमांड में कहीं भी आया जाया जा सकता है (बरमूडा ट्राएंगल के सिद्धांत को और विस्तार से समझने के लिए हमारे एलियंस सम्बंधित अन्य आर्टिकल्स को पढ़ें जिनके लिंक्स इस आर्टिकल के नीचे दिए गएँ हैं) !

जहाँ इस बरमूडा ट्राएंगल में फंसकर हमारे कई पृथ्वीवासी मानव, दूसरे कई अनजान लोकों में पहुँच गएँ हैं वहीँ कई दूसरे अनजान लोकों के प्राणी भी इसी बरमूडा ट्राएंगल के माध्यम से हमारी इस धरती पर भी आ पहुँचे हैं जिनमे से कई मानव रूप में ही हमारी इस पृथ्वी पर गुमनाम जिंदगी जी रहें हैं जो अपने राज दूसरे मानवों से कभी भी शेयर नहीं करते हैं क्योंकि पृथ्वी पर पहुंचते ही उन्हें नियंत्रक एलियन्स से सख्त हिदायत मिली हुई है कि अपने राज गुप्त रखो अन्यथा अनर्थ हो सकता है और कुछ तो परग्रह वासी ऐसे भी हैं जो अपने पुराने ग्रह की सारी स्मृतियों को एकदम भूल चुकें हैं और पृथ्वी पर इस तरह घुलमिल कर रह रहें हैं मानों वे शुरू से ही पृथ्वी के निवासी रहें हों |

ब्रह्मांड में स्वतः हो जाने या इरादतन की जाने वाली कई रहस्यमय घटनाओं में से एक घटना यह भी होती है कि पृथ्वी पर बरमूडा ट्राएंगल के अलावा अन्य जगहों पर भी अचानक से विभिन्न आयामों के द्वार खुल जाते हैं जिससे दूसरे आयाम के एकदम अपरिचित जीव हमारे आयाम में आ जाते हैं या हमारे आयाम के जीव दूसरे अपरिचित आयाम में पहुँच जाते हैं | दूसरे आयामों से पृथ्वी पर आये अपरिचित जीवों का जब इंसानों से आमना सामना होता है तो इंसान उन्हें एलियंस समझ लेते हैं | कभी कभी ऐसा भी होता है कि किसी इंसान के सामने किसी दूसरे अजनबी आयाम का द्वार अचानक से कुछ देर के लिए खुल जाता है जिससे वो इंसान उस दूसरे आयाम के एकदम अजनबी माहौल या अजनबी प्राणियों की झलक कुछ देर के लिए देखने में सफल हो पाता है !

ये जानकारियां सुनकर ही कई लोगों को यह सब एक फ़िल्मी स्टोरी जैसा लग सकता है लेकिन वे लोग तब क्या कहेंगे जब उन्हें पता लगेगा कि एलियंस प्रेरणा देकर कोई मूवी भी बनवा सकते हैं !

यह बातें कई लोगों को अतिश्योक्ति, कल्पना या कोरी बकवास लग सकती है क्योंकि उन्हें यह वास्तविकता मालूम ही नहीं कि आखिर भगवान् को परम रहस्यमय क्यों कहा जाता है ?

क्योंकि यह चराचर सृष्टि जो कि भगवान का ही प्रत्यक्ष शरीर है, उन्ही के समान एक से बढ़कर एक अंतहीन और अकल्पनीय रहस्यों से भरी हुई है ! इन अकल्पनीय रहस्यों से जिस जिसका पाला पड़ता गया उन सब ने एक सुर में स्वीकारा कि वाकई में सच्चाई, कल्पना से भी परे है !

वास्तव में इस पृथ्वी पर एलियंस तीन तरीके से दिख सकते हैं एक तरह के एलियंस वे होते हैं जो मानवों के बीच में मानव (स्त्री या पुरुष) का ही रूप धरकर (भेष बदलकर) रहते हैं और मानवों की ही तरह सारे क्रियाकलाप जैसे ऑफिस जाना, खाना खाना, अन्य मानवों से दोस्ती कर हंसी मजाक करना और यहाँ तक कि स्मार्ट फ़ोन यूज करके फेसबुक पर अपने मनपसन्द एलियंस के आर्टिकल्स भी लाइक करना आदि भी करते रहते हैं पर समान्यतया वे 24 घंटे में एक बार कुछ देर के लिए ऐसे गायब हो जाते हैं जहाँ उन्हें कोई दूसरा मानव चाहकर भी खोज नहीं सकता है | इस तरह के एलियंस किसी बड़ी घटना, परिवर्तन का कारण तो हो सकते हैं लेकिन ये हमेशा पीठ पीछे ही रहकर कार्य करना पसन्द करते हैं जिससे वे कम से कम पापुलर हो सकें !

दूसरे तरह के एलियंस वे होते हैं जो पृथ्वी पर हमेशा अपने ओरिजिनल रूप में ही रहते हैं लेकिन सामान्य मानव उनका ओरिजिनल रूप बर्दाश्त नहीं कर सकते इसलिए वे अपने आप को अपनी यौगिक शक्ति से हमेशा अदृश्य रखते हैं जब तक कि कोई विशेष जरूरत ना पड़े !

तीसरे एलियन्स वे होतें है जो पृथ्वी पर विशेष कार्यों को पूरा करने के लिए अपने दिव्य लोक के दिव्य शरीर को त्यागकर पृथ्वी पर एक आम इंसान की तरह जन्म लेते हैं और सामाजिक उद्धार व परिवर्तन के दौर में उचित समय आने पर अपना ऐसा भीषण योगदान देते हैं कि पतन की ओर लगातार अग्रसर होता मूर्ख समाज (जो कि अपने आप को बुद्धिमान होने की सुखफहमी में रहता है) की दिशा और सोच तक बदल देते हैं !

किसी एलियन के सम्पर्क में रहने वाला मानव दूसरे अपने समकक्ष एलियंस के संपर्क में रहने वाले मानवों को पहचान सकता है लेकिन उन्हें नहीं पहचान पाता हैं जो सर्वोच्च शक्तिशाली एलियंस (अर्थात ईश्वर स्वरुप, ईश्वर के गण) के सम्पर्क में हैं !

एलियंस के रहस्यों का उजागर केवल रोमांच का सुख प्राप्त करने के लिए नहीं है क्योंकि भले ही कई लोगों को यह अभी केवल समय की बर्बादी लगे, पर ऐसे सूक्ष्म संकेत यदा कदा दृष्टिगोचर हो रहें हैं कि भविष्य में मानवता की रक्षा के लिए अच्छे स्वभाव वाले एलियंस का प्रत्यक्ष रूप से हस्तक्षेप करना जरूरी हो सकता है !

वास्तव में आम जनमानस को अचानक से किसी अकल्पनीय सच्चाई के बारे में पता चलने से, उनमें असहजता फ़ैल सकती है इसलिए कुछ बातें सिर्फ संकेतात्मक रूप से ही व्यक्त होती हैं और इन संकेतों के पीछे छिपे सन्देश को सिर्फ वही समझ पाते हैं जो इन अकल्पनीय सच्चाईयों को सहज तरीके से बर्दाश्त कर पाने की क्षमता रखते हैं और यह क्षमता भी उन्ही के पास होती है जिन्होंने सतत अच्छे कर्मों के अभ्यास से अपने अंदर एक मिनिमम लेवल की मानसिक पवित्रता विकसित कर ली है !

(ब्रह्माण्ड सम्बंधित हमारे अन्य हिंदी आर्टिकल्स एवं उन आर्टिकल्स के इंग्लिश अनुवाद को पढ़ने के लिए, कृपया नीचे दिए गए लिंक्स पर क्लिक करें)-

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