पूरी पृथ्वी को भी नाग भगवान ने ही उठा रखा है अपने सिर पर

miniature-painting-IU11_lनागराज वासुकी प्रसन्न होकर अभय प्रदान करते हैं उनको, जो श्रावण पंचमी के दिन नागों की पूजा करते है ।

नाग पंचमी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन माह की शुक्ल पक्ष के पंचमी को नाग पंचमी के रुप में मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता या सर्प की पूजा की जाती है और उन्हें दूध पिलाया जाता है।

शास्त्रों में नागों को भी देव रूप माना गया है। जिसकी प्रकार देवताओं की पूजा होती है उसी प्रकार इनकी पूजा करने का नियम है। सभी देवताओं की तरह इनकी पूजा के लिए भी एक विशेष तरीका और तिथी निर्धारित है।

इस पर्व पर प्रमुख नाग मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है और भक्त नागदेवता के दर्शन व पूजन करते हैं। सिर्फ मंदिरों में ही नहीं बल्कि घर-घर में इस दिन नाग देवता की पूजा करने का विधान है। ऐसी मान्यता है कि जो भी इस दिन श्रद्धा व भक्ति से नागदेवता का पूजन करता है उसे व उसके परिवार को कभी भी सर्प भय नहीं होता। इस बार यह पर्व 19 अगस्त, बुधवार को है।

कुछ दैवीय साँपों के मस्तिष्क पर मणि होती है। मणि अमूल्य होती है।

भविष्य पुराण के अनुसार जो व्यक्ति पूरे वर्ष चतुर्थी तिथि को व्रत रखकर पंचमी तिथि के दिन ब्राह्मणों को भोजन करवाता है उस पर अनंत, कर्कोटक, कुलिक, महापद्म जैसे दिव्य नाग प्रसन्न रहते हैं।

यह सुख, शांति, समृद्धि का प्रतीक पर्व है। इस वर्ष नाग पंचमी पर 13 वर्षो के बाद दुलर्भ संयोग बन रहा है। नाग पंचमी के दिन सूर्य और वृहस्पति सिंह राशि में और चंद्रमा कन्या राशि में होंगे। नाग पंचमी पर होगा सूर्य गुरु यूति संयोग ऐसा संयोग 13 वर्षों के बाद आ रहा है। यह संयोग सुख शांति और समृद्धि प्रदान करने वाला है। नाग पंचमी के दिन भगवान शिव के विधिवत पूजन से हर प्रकार का लाभ प्राप्त होता है।

पूरे श्रावण माह विशेष कर नागपंचमी को धरती खोदना निषिद्ध है।

विधिवत शिव पूजा करने से मिलता है लाभ। जिसकी कुंडली में काल सर्प दोष के कारण जीवन में अनके प्रकार की परेशानियां आती हों, नौकरी और व्यापार में रुकावट हो, दुर्घटना, पति- पत्नी में वियोग हो तो शिव की आराधना करनी चाहिए।

भगवान शेष नाग खुद एक महा नाग है जिन्होने पूरी पृथ्वी को एक सरसों के दाने के समान आसानी से अपने फन पर धारण कर रखा है। भगवान शेषनाग को भगवान नारायण का अवतार माना जाता है क्योकि वो नारायण के आसन है और नारायण को धारण करने की ताकत सिर्फ नारायण में ही है। इस तरह ये साबित होता है की नाग बिरादरी, मानवों के लिए कितनी महत्वपूर्ण भी है अतः नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा जरूर करना चाहिए।

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