कानपुर कांग्रेस की समाप्ति के बाद से युक्तप्रांत में, हिंदू सभा द्वारा व्यवस्थापिका सभाओं के आगामी चुनाव लड़े जाने की बात फिर जोर पकड़ रही है। अलीगढ़ की मुस्लिम लीग में मुसलमान नेताओं ने...
अंधकारमय निशा में दूर-दूर तक शुभ्र ज्योत्सना छिटकाने वाली दीपावली की दीपमाला! तेरा और तेरी रश्मियों का स्वागत। स्वागत इसलिये नहीं कि तेरी श्री, श्री की श्री है, संपन्नता की द्योतक और वैभव का...
वर्तमान युग में बड़े बल और वेग के साथ संसार के सामने जनसत्ता की समस्या उपस्थित की है। एक समय था कि लाखों और करोड़ों आदमियों पर केवल एक आदमी की मनमानी हुकूमत चलती...
पतन और अभ्युदय के टेढ़े-मेढ़े मार्ग को तै करके, सदा आगे बढ़ने वाले राष्ट्रों के जीवन काल में एक युग ऐसा आता है, जिसके प्रभाव से एक पथगामिनी कार्य-धारा विभिन्न दिशाओं में बहने लगती...
हिंदी में पत्रकार-कला के संबंध में कुछ अच्छी पुस्तकों के होने की बहुत आवश्यकता है। मेरे मित्र पंडित विष्णुदत्त शुक्ल ने इस पुस्तक को लिखकर एक आवश्यक काम किया है। शुक्ल जी सिद्धहस्त पत्रकार...
श्रीमन् स्वागताध्यक्ष महोदय, देवियो और सज्जनो, इस स्थान से आपको संबोधित करते हुए मैं अपनी दीनता के भार से दबा-सा जा रहा हूँ। जिन साहित्य के महारथियों से इस स्थान की शोक्षा बढ़ चुकी...
वह आँधी सब जगह आयी, रूस, जर्मनी, आस्ट्रिया, हंगरी, टर्की, चीन सब देशों के वन-उपवन उसके झोंके से कंपित हो उठे। प्रजातंत्र की वह आँधी कई देशों में आयी और उसने जनता की छाती...
संसार की स्वाधीनता के विकास का इतिहास उस अमूल्य रक्त से लिखा हुआ है, जिसे संसार के भिन्न-भिन्न भाग के कर्तव्यशील वीर पुरुषों ने स्वत्वों की रणभूमि में करोड़ों मूक और निर्बल प्राणियों की...
मनुष्य के हृदय में यह भाव निरंतर काम किया करता है कि वह दूसरों पर प्रभुता प्रापत करके अपने को सबसे ऊपर रखे। विकास और उन्नति की दृष्टि से यह भाव निंदनीय नहीं है।...
कुछ समय से हमारे अधिकांश नौजवान जिस वातावरण में है, उससे वे संतुष्ट नहीं है। निष्क्रियता में मुर्दों से बाजी लगाने वाले इस देश के युवक इस समय परिवर्तन और क्रांति का उत्साह के...
मेज्जिनी का आदेश ‘हममें से प्रत्येक का कर्तव्य है कि वह अपनी आत्मा को एक देवालय के समान पवित्र बनावे। उससे अहंकार को दूर भगा दे और सच्चे धार्मिक भाव के साथ निज जीवन...
राष्ट्र महलों में नहीं रहता। प्रकृत राष्ट्र के निवास-स्थल वे अगणित झोंपड़े हैं, जो गाँवों और पुरवों में फैले हुए खुले आकाश के देदीप्यमान सूर्य और शीतल चन्द्र और तारागण से प्रकृति का संदेश...
8 अप्रैल से 15 अप्रैल तक देश के कितने ही स्थानों में राष्ट्रीय शिक्षा का सप्ताह मनाया जायेगा। इन उत्सवों का मतलब यह होगा कि लोग राष्ट्रीय शिक्षा की बात को अच्छी तरह समझें।...
देश में कहीं-कहीं राष्ट्रीयता के भाव को समझने में गहरी और भद्दी भूल की जा रही है। आये दिन हम इस भूल के अनेकों प्रमाण पाते हैं। यदि इस भाव के अर्थ भली-भाँति समझ...