Monthly Archive: May 2017

ऋषि सत्ता की आत्मकथा (भाग 4): सभी भीषण पापों (जिनके फलस्वरूप पैदा हुई सभी लाइलाज शारीरिक बिमारियों व सामाजिक तकलीफों) का भी बेहद आसान प्रायश्चित व समाधान है यह विशिष्ट ध्यान साधना

अक्सर कई सज्जन व्यक्तियों के मन की अंतर्व्यथा होती है कि उनसे जीवन में जो कुछ भी जाने अनजाने पाप, गलतियाँ आदि हो चुकी हैं, उसका दंड ना जाने, भगवान् अभी या भविष्य में...

ऋषि सत्ता की आत्मकथा (भाग – 3): सज्जन व्यक्ति तो माफ़ कर देंगे किन्तु ईश्वर कदापि नहीं

[ महती ईश्वरीय कृपा से जब जब परम आदरणीय ऋषि सत्ता का अति दुर्लभ सम्पर्क “स्वयं बनें गोपाल” समूह को प्राप्त होता है तब तब कोई ना कोई बेशकीमती ज्ञान हमें अवश्य प्राप्त होता...