श्री बसन्त कुमार गौड़, देहरादून, लिखते हैं कि पिछले वर्ष मेरी अच्छी पढ़ाई नहीं हो पाई थी। तीन बार मास्टर बदले। हर एक ने अपने-अपने ढंग से पढ़ाया। मन भी अच्छी तरह न लगा।...
पालक एक आने गठ्ठी, टमाटर छह आने रत्तल और हरी मिर्चें एक आने की ढेरी “पता नहीं तरकारी बेचनेवाली स्त्री का मुख कैसा था कि मुझे लगा पालक के पत्तों की सारी कोमलता, टमाटरों...
एक्यूप्रेशर जो भारतीय आयुर्वेद के अंतर्गत वर्णित मर्दन विद्या (जिसे आज की आम बोलचाल भाषा में समझने के लिए मालिश कहा जा सकता है) का ही अधूरा रूप है ! भारतीय मर्दन विद्या के...
पं. पूजा मिश्र, ठोरी बाजार, लिखते हैं कि हमारे यहाँ एक बड़े प्रसिद्घ महात्मा हो गए हैं। इनका असली नाम तो मालूम नहीं, पर उनको परमहंस जी कहा जाता था। ये भूमिहार ब्राहम्ण थे।...
श्री कौशल किशोर माहेश्वरी, संभलपुर लिखते हैं कि हमारे बाबा महेश्वरी थे और दादी राबुत थीं। उनका गन्धर्व विवाह हुआ था। उनकी प्रेम गाथा को लिखकर अपने पूजनीय पूर्वजों की शान में कोई धृष्ठता...
मीनाक्षी सुन्दरेश्वर मन्दिर- मीनाक्षी सुन्दरेश्वर मन्दिर या मीनाक्षी अम्मां मन्दिर या केवल मीनाक्षी मन्दिर भारत के तमिल नाडु राज्य के मदुरई नगर, में स्थित एक ऐतिहासिक मन्दिर है। यह हिन्दू देवता शिव (“‘सुन्दरेश्वरर”’ या...
श्री. रघुराथ प्रसाद बरनवाल, बलहज, लिखते हैं कि अखण्ड ज्योति के लोगों से प्रभावित होकर मैं गायत्री उपासना के मार्ग में बढ़ा। अति अल्प काल के जप में ही अपने में बड़ा अधिक परिवर्तन...
श्रीमत् भागवत महापुराण का प्रसंग है की, भगवान दत्तात्रेय ने देखा की एक सुन्दर कपड़ो में सजी हुई एक कुवाँरी लड़की अपने घर से निकल कर कुछ लोगो के साथ एक दूसरे अनजान घर...
वन्य कुसुमों की झालरें सुख शीतल पवन से विकम्पित होकर चारों ओर झूल रही थीं। छोटे-छोटे झरनों की कुल्याएँ कतराती हुई बह रही थीं। लता-वितानों से ढँकी हुई प्राकृतिक गुफाएँ शिल्प-रचना-पूर्ण सुन्दर प्रकोष्ठ बनातीं,...
श्री बलवन्त विष्णु नागदे, राजमहेन्द्री कहते हैं कि व्यापारी को फुरसत नहीं मिलती । हमकों बहुत काम रहता है। रात को दो बजे तक अक्सर काम करना पड़ता है। इसलिए सबेरे देर से आँख...
(भाई राजीव दीक्षित सही मायने में आधुनिक युग के निर्भीक कान्तिकारी थे जिन्होंने कानपुर आई आई टी से M. TECH और अन्य कई बड़े साइंस प्रोजेक्ट से जुड़ने के बावजूद अपना सुनहरा वर्तमान और...
श्री मेघायती जी नगीना अपनी अनुभूति प्रकट करती हुई लिखती हैं कि गायत्री मन्त्र ईश्वर की उपासना के लिये मुख्य मन्त्र है। मेरा तो इस पर अति अटूट विश्वास और श्रद्घा रही है। मुझे...
पहले कहा जा चुका है कि जायसी का झुकाव सूफी मत की ओर था जिसमें जीवात्मा और परमात्मा में पारमार्थिक भेद न माना जाने पर भी साधकों के व्यवहार में ईश्वर की भावना प्रियतम...
श्री आर.वी. बेद घाटकोपर लिखते हैं कि एक साल पहले मेरे ऊपर कई कानूनी मुकदमे चल रहे थे, सब तरफ से परेशानी थी, आर्थिक नुकसान हो रहा था और बहुत समय से बीमारी चली...