कोई भी समझदार देशभक्त इस भुलावे में नहीं रहता कि इज्जत मेरी है, ना कि मेरी देशभक्ति की
अभी मोदी जी का गो सेवकों पर जो बयान सुनने को मिला कि 80 परसेंट गो सेवक, गो सेवा कि आड़ में अनैतिक कामों में व्यस्त हैं, उस बयान की निन्दा हर देशभक्त कर रहा है ! और करनी भी चाहिए !
“स्वयं बने गोपाल” समूह से जुड़े कुछ मूर्धन्य समाज शास्त्रियों का मानना है कि यह बयान वास्तव में सिर्फ एक मैनुअल फाल्ट (मानवीय भूल) था !
मतलब इस ब्यान का वास्तविक मतलब यह नहीं निकालना चाहिए कि मोदी जी का मानना है कि ज्यादातर गोसेवक झूठे हैं !
आखिर ऐसा क्यों कहते हैं ये समाजशास्त्री ?
ये समाजशास्त्री इसलिए ऐसा कहते हैं क्योंकि उन्हें पता है कि दुनिया के हर आदमी के जीवन में कई बार ऐसे मौके आते हैं जब आदमी कहना कुछ और चाहता है और कह कुछ और देता है और मोदी जी का तो इतिहास रहा है कि चुनाव की रैलियों के दौरान भी वो कभी कभी झटके में गलत नाम या गलत स्थान बोल देते थे, जिसका विपक्ष के नेता कई दिनों तक मजाक उड़ाते रहते थे !
गलत बोलने के पीछे एक स्वाभाविक कारण यह भी होता है कि जब किसी आदमी को दिन रात बहुत बोलना पड़ता है तो अक्सर वो गलत बोल जाता है !
और मोदी जी को तो एक ही दिन में कई एकदम अलग अलग टाइप के लोगों से मिलकर बातचीत करना होता है जैसे कभी आतंकवाद पर कठोर निर्णय लेने के लिए फौलादी अफसरों से बातचीत करना होता है तो कभी साहित्य नृत्य आदि के संवेदनशील कलाकारों से, कभी किसानों से तो कभी वैज्ञानिकों से, कभी चिकित्सक से तो कभी साधू महात्माओं से, कभी मंझे हुए राजनेताओं से तो कभी मासूम विद्यार्थियों से, अर्थात जब बार बार बातचीत का मुद्दा लगातार बदलता रहता है तो हर समय मन में भी कई अलग अलग तरह के विचार आते जाते रहतें हैं और इसकी सम्भावना बहुत बढ़ जाती है कि आदमी की जबान थोड़ा या बहुत फिसल जाय अर्थात अर्थ का अनर्थ बोल दे !
मोदी जी खुद एक बहुत बड़े गाय माता के भक्त हैं और उन्होंने गाय माता की सेवा के लिए गुजरात में बहुत बढ़ चढ़ कर काम करवायें हैं ! यहाँ तक कि विदेशों से टेक्नालाजी मंगाकर गुजरात में हजारों लावारिश और बूढ़ी गाय माताओं का इलाज और ऑपरेशन करवाकर उन्हें बसाया है, जिसका नतीजा कोई भी आदमी गुजरात जाकर देख सकता हैं जहाँ जगह जगह काफी लम्बी चौड़ी हष्ट पुष्ट गाय माता प्रसन्न मुद्रा में देखने को आसानी से मिलती हैं !
लगभग सारे प्रसिद्ध राजनेताओं को आपने इफ्तार पार्टी में स्वादिष्ट और महंगे व्यंजनों का लुत्फ़ उठाते हुए देखा होगा लेकिन मोदी जी के अलावा बड़े स्तर के कितने नेताओं को आपने देखा है गाय माता को देवी मानकर पूजा करते हुए ?
मोदी जी का बस चलता तो गोहत्या के खिलाफ एक दिन में ही बेहद कड़ा क़ानून बना देते लेकिन क्या किया जाय इस देश के बेहद उदार प्रजातंत्र में मिली अपार छूट का जिसका नाजायज फायदा उठाकर कुछ झूठे सांसद जो मुंह पर तो राष्ट्र के विकास की बात करते हैं लेकिन पीठ पीछे विदेशों में गोमांस की बेहद भारी डिमांड की पूर्ति करने वाली खुरापाती शक्तियों की मदद करने के लिए मोदी जी द्वारा गोहत्या पर कड़े नियम बनाने में बार बार विघ्न डालते हैं !
(नोट – शुद्ध भारतीय नस्ल की देशी गाय माता कैसे एक गरीबी और बीमारी झेलते देश को बेहद अमीर और स्वस्थ बना सकती हैं, इसे विस्तार से जानने के लिए हमारे वेबसाइट की गाय माता कैटेगरी में जायें)
अभी जैविक खेती जिसमे बड़ी मात्रा में गाय माता के गोबर की खाद प्रयोग हो रही है तथा गोमूत्र से बने प्रोडक्ट्स जैसे कीटनाशक, क्लीनर आदि के प्रयोग को अधिक से अधिक, व्यक्तिगत इंटरेस्ट लेकर बढ़वाना, भी यही साबित करता है कि मोदी जी के दिल में गाय माता के लिए बहुत सम्मान है और जब कोई ऐसी बेहद कीमती गाय माता की सेवा, मुफ्त में कर रहा हो तो उस गोसेवक के लिए मोदी जी के मन में कैसे सम्मान नहीं होगा !
लेकिन इस कलियुग में हर चीज में मिलावट हुई है और हर तरह के प्रोफेशन में गलत लोगों का इन्वोल्व्मेंट हुआ है मतलब अब चाहे राजनीति हो या अफसरशाही, चाहे चिकित्सा हो या शिक्षा, चाहे धार्मिक मार्गदर्शन हो या पुलिस, हर जगह कुछ ऐसे भ्रष्ट लोग घुस गए हैं, जो अपने प्रोफेशन की आड़ में अनैतिक कामों में व्यस्त हैं और उनकी उसी घटिया हरकत कि वजह से कई बार पूरा प्रोफेशन बदनाम होता है, जैसे भारतीय पुलिस के बारे में अधिकाँश लोग यही कहेंगे कि पुलिस से बड़ा भ्रष्ट कोई नहीं है, जब चाहे किसी निर्दोष को गलत इल्जाम लगाकर अरेस्ट कर ले या रिश्वत खाकर किसी दोषी को बचा लें !
पर वाकई में सारे पुलिस वाले भ्रष्ट होते तो क्या हम सिविलियन अब तक सुरक्षित बचे होते ? बिल्कुल नहीं क्योंकि अब तक सारे अपराधी पुलिस को पैसा खिलाकर उन्हें बगल हटा कर हम सभी आम जनता को लूट खसोट चुके होते !
इन्ही सारे प्रोफेशन की तरह गोसेवा में भी कुछ फर्जी गोसेवक घुस गएँ हैं जो गो सेवा कि आड़ में अनैतिक कामों में व्यस्त हैं !
मोदी जी इन्ही फर्जी गोसेवकों के बारे में ही जनता को बताना चाहते थे लेकिन पता नहीं दिन भर ज्यादा बोलने की थकान थी या किसी और काम का तनाव कि, कुछ गोसेवकों, कहने के बजाय, 80 परसेंट गोसेवक कहने का अनर्थ कर गए !
खैर उन्होंने अपनी इस गलती को सुधारने के लिए अगले ही दिन ट्वीट करके कहा कि मुट्ठी भर फर्जी गोसेवकों से सावधान रहने की जरूरत है !
आदमी महान हो या बुरा, गलती सबसे होती है पर मुख्य चीज है उस गलती को खुद ही सुधारना !
ठीक इसी तरह हर बुद्धिमान देशभक्त चाहे वो मोदी जी हों या बाबा रामदेव, को अच्छे से पता है कि देशभक्त जनता में सम्मान उनका नहीं, बल्कि उनके सच्चे देशभक्ति के जज्बे का है और जिस दिन भी उनके देशभक्ति के जज्बे की जगह देशद्रोह का जज्बा दिखाई दिया, तो देशभक्त जनता को एक मिनट भी नहीं लगेगा उन्हें अपने दिल से बाहर निकाल कर फेकने में !
भारतीय सनातन धर्म में सदैव से व्यक्ति की नहीं, व्यक्ति के कर्म की पूजा रही है इसलिए राष्ट्र सर्वोपरि है और राष्ट्र की सेवा करने वाला हर वो आदमी भी, तभी तक आदरणीय है, जब तक कि वो सच्चे ह्रदय से राष्ट्र की ही सेवा कर रहा है और उसकी प्रगति में अपना योगदान कर रहा है !
वन्दे मातरम !
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