आस्तीन के सांप अपना बेस्ट रोल परफॉर्म कर रहें हैं
कुछ सत्यान्वेषी समाज शास्त्रियों का कहना है कि, मोदी जी एक ईमानदार व्यक्ति हैं जो उनके द्वारा किये गए एकदम नए कई विकास के अदभुत व आश्चर्यजनक कार्यों को देखकर समझा जा सकता है !
मोदीजी के अथक प्रयासों के बदौलत ही कुछ वर्षों में ही गुजरात इतना समृद्ध हो गया की आज उसे भारत का दुबई कहा जाता है !
जहाँ लोग पैसा कमाने के लिए दूसरे प्रदेशों से पहले मुंबई जाया करते थे अब उन्ही लोगों की पैसा कमाने की फेवरेट जगह गुजरात हो गयी है !
आज गुजरात में सब कुछ तो है, इफरात पैसा है, जबरदस्त इंफ्रास्ट्रक्चर है, मजबूत क़ानून व्यवस्था है, पर्यटन है और सबसे बड़ी बात शान्ति है !
गुजरात को फर्श से शीर्ष तक पहुँचाने वाले मोदी जी इस समय पूरे भारत की कमान सम्भाल रहें हैं ! ऊपर से देखने पर विशेष पता नहीं चलता पर जब कोई शासन के अन्दर झांककर देखता है तब उसे पता चलता है की कुछ विशेष पार्टियों ने पिछले 50 सालों में पूरे देश को एकदम खोखला और कंगाल कर रखा था ! आज मोदी जी के सामने देश हित के हजारों ऐसे कठिन पेन्डिंग मुददे हैं जिन पर तुरन्त कड़े निर्णय लेना जरूरी है, पर उन सबके लिए चाहिए पैसा ! खूब ढेर सारा पैसा !
इन सत्यान्वेषी व स्वयं सेवी समाज शास्त्रियों का कहना है कि, मोदी जी का सपना पूरा करने की प्रक्रिया अर्थात एक परम यशस्वी जगत गुरु भारत निर्माण की प्रक्रिया में जो बड़ी बाधा आ रही है वो है पैसे के कमी तथा उसको दूर करने के लिए सबसे आसान तरीका तो यही लगता है की विदेशों में जमा काला धन भारत वापस लेते आया जाय !
तो जब विदेशो में जमा काला धन वापस आने से देश खूब तरक्की करेगा तो पैसा वापस क्यों नहीं आ रहा है जबकि देश की जनता, विपक्ष के नेता समेत अन्य पार्टियों के नेता भी रोज चिल्ला रहें हैं की जल्दी काला धन वापस लाओ !
ये समाज शास्त्री कहते है कि, खुद ही अंदाजा लगाईये कि, क्यों पैसा वापस नहीं आ रहा है या बहुत थोड़ा थोड़ा करके वापस आ रहा है ?
असल में मोदी जी खुद तो ईमानदार हैं पर क्या सत्ता पक्ष के सभी नेता उन्ही की तरह ईमानदार हैं ?
अगर अकेले मोदी जी के हाथ में होता तो वो 1 हफ्ते में काला धन भारत लेते आते पर भारत में लोकतंत्र है और इस लोक तंत्र के कई फायदे हैं तो कई बड़े नुकसान भी !
प्रधानमंत्री को कई मामलों में निर्णय लेने के लिए अपने पार्टी के अन्य मंत्रियों से भी सहमति लेना जरूरी होता है !
तो प्रधान मंत्री के हर निर्णय में, क्या सत्ता पक्ष के हर नेता समर्थन नहीं करते हैं ?
मीडिया के कैमरे के सामने तो हर नेता अपनी पार्टी की एकजुटता और अपने देशप्रेम के बखान के पुलिंदे पढ़ते हैं पर पीठ पीछे की सच्चाई कुछ और ही हो सकती है !
यहाँ तो यही हाल बार बार देखने सुनने को मिलता है कि 100 में 90 बेईमान फिर भी मेरा देश महान ! क्या किसी विशेष पार्टी का नेता, सांसद, मंत्री या विधायक होने भर से ही उसे ईमानदारी का सर्टिफिकेट मिल जाता है ?
क्या ये काला धन सिर्फ विपक्ष की पार्टियों के कुछ बड़े नेताओं का है ? क्या इस काले धन में सत्ता पक्ष की पार्टियों के किसी नेता की हिस्सेदारी नहीं हैं ?
इन समाज शास्त्रियों का कहना है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनो, पार्टियों के कई बड़े दिग्गज नेताओं की काला धन में बड़ी हिस्सेदारी मानी जा रही है तो क्या वे लोग इतनी आसानी से मोदी जी को उनकी मेहनत (?) की काली कमाई पर डाका मार कर उनकी काली कमाई को भारत की गरीब जनता में फ्री में बांटने देंगे ?
अरे इन सफ़ेद पोश भ्रष्ट नेताओं ने कई कई साल राजनीति में झक्क मारकर, जूतियाँ घिसकर
बड़ी कठिनाई से इस धन की कमाई की है जिसे मोदी जी, श्री बाबा रामदेव जैसे लोग अचानक से काला धन का नाम दे देते हैं और फिर उनसे छिनने की कोशिश करते हैं तो इन भ्रष्ट नेताओं के छाती पर बिजली गिरेगी ही !
खतरनाक रिस्क और कड़ी मेहनत से कमाई गयी अपनी काली कमाई को बचाने के लिए क्या सत्ता पक्ष के और क्या विपक्ष के, सभी भ्रष्ट नेता पीठ पीछे तुरन्त एक जुट हो जाते हैं !
काला धन रखने वाले ये नेता, जनता की नजर में अपने आप को साफ़ पाक बनने के लिए खूब उछल उछल कर मीडिया के कैमरे के सामने चिल्लाते हैं कि कब काला धन वापस आएगा, मोदी जी क्यों काला धन नहीं ला पा रहें हैं आदि आदि, पर मन में अन्दर ही अन्दर ये नेता इसलिए निश्चिन्त रहते हैं क्योंकि इन्हें पता है की बिना उनके समर्थन के मोदी जी एक फूटी कौड़ी भी विदेशों से नहीं मंगा सकते !
पर इन नादानों को ये नहीं पता की मोदीजी जैसे जबरदस्त कूट नीतिज्ञ लीडर, सदियों में एकाध ही पैदा होते हैं और ऊपर से श्री सुब्रमन्यम स्वामी, श्री बाबा रामदेव जैसे आचार्य चाणक्य संतों का मार्गदर्शन बहुत खतरनाक है ऐसे बहुरूपियों के लिए !
इन समाज शास्त्रियों का कहना है कि अगर मोदी जी सीधे देश की जनता के सामने सच स्वीकार लें कि, हमारे साथ के ही कुछ नेता हमें ईमानदारी से काम नहीं करने दे रहें है इसलिए हम इस्तीफा दे रहें हैं तो इससे होगा क्या ? एक ईमानदार जाएगा तो 20 बेईमान आ जायेंगे उसकी जगह लेने के लिए जिससे देश और गर्त में चला जाएगा ! तो इस्तीफा देना देश हित में कोई बुद्धिमानी नहीं, कायरता है !
पर मोदी जी वही गिर के शेर हैं जो बेईमानों के हजारों फर्जी लांछन झेलते हुए भी कांटे से काँटा निकालना जानते हैं ! इसलिए भले ही सत्ता पक्ष में भी कई आस्तीन के सांप बैठे हों पर मोदी जी इन आस्तीन के साँपों की पूँछ धीरे धीरे इतना मरोड़ना जानते हैं की वे अपने आप ही अपना विष बाहर उगल दें !
समाज में बड़ा विकास कर सकने के लिए हाथ में शक्ति होना बहुत जरूरी है और शक्ति उसी के पास है जो सत्ता में है और सत्ता में रहने के लिए सांसद, विधायक भ्रष्ट हों या ईमानदार उनके साथ की जरूरत तो पड़ती ही है, नहीं तो सरकार गिर जाएगी और दुबारा कोई ईमानदार सरकार चुन के वापस सत्ता में आ पायेगी की नहीं, इसका कोई भरोसा नहीं होता है !
साधारण जनता को नहीं पता कि इस काले धन में किस बड़े स्तर की बंदरबांट हुई है जिसका अंदाजा लगाना मुश्किल है ! इन समाजशास्त्रीयों का कहना है कि इस पैसे में ISI से लेकर अन्य कई शक्तिशाली देशों की खुफिया एजेंसीज तक के भी इन्वाल्व होने के पूरे आसार हैं इसलिए विश्व्यापी कई बड़ी ताकतें पूरी कोशिश कर रहीं हैं कि किसी भी कीमत पर ये काला धन वापस नहीं आने पाये !
ये समाजशास्त्री यह भी कहते हैं कि, मोदी जी से पूर्व की सत्ता पक्ष की कुछ पार्टियों को पता चल गया था कि देश में उनके लिए जो जबरदस्त गुस्सा है उसकी वजह से इस बार वे इलेक्शन पक्का हारने वाले हैं और मोदीजी पूर्ण बहुमत से सत्ता में आने वाले हैं, तथा मोदी जी आते ही सबसे पहले उनका काला धन ही हथियाने की कोशिश करने वाले हैं इसलिए उन पार्टियों के कुछ नेताओं ने सत्ता पक्ष की कुछ पार्टियों के कुछ बड़े नेताओं की भी चुपके चुपके जासूसी और फ़ोन टेपिंग करवा कर कई ऐसे सबूत इक्कठे कियें हैं जिनके उजागर होने से उन नेताओं का कैरियर बर्बाद हो सकता है !
अतः ऐसा भी माना जा रहा है कि अाज के सत्ता पक्ष के कुछ विशिष्ट नेताओं का रिमोट कंट्रोल विपक्ष के कुछ नेताओं के हाथ में हैं ! तथा यह भी माना जा रहा है की सत्ता पक्ष में मौजूद ये नेता इतने प्रभावशाली हैं की चाह कर भी इन्हे तुरन्त नहीं निकाला जा सकता है क्योंकि इन्हे निकालने से सत्ता दल अत्यंत असहज स्थिति मे अा सकता है !
इन समाजशास्त्रियों की ये सारी बातें बहुत हद तक सही भी लगती है क्योंकि जिन मोदी जी ने गुजरात में बड़े बड़े काम चुटकियों में किये उन्हें केंद्र में आने पर काला धन लाने में, क्यों इतना एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है !
खैर सृष्टि जब से बनी है तब से ये शाश्वत नियम चला आ रहा है कि सत्य भले ही कुछ देर के लिए दब सकता है, छुप सकता है, पर हार नहीं सकता !
आज के जमाने में लालच का स्तर इतना बढ़ चुका है कि लोग थोड़े से पैसे के लिए किसी अन्जान को भी जान से मारने में नहीं हिचकते तो काला धन तो कुबेर के खजाने जैसा बड़ा खजाना है तो उसको बचाने के लिए उसके सभी मालिक लोग आपस में मिलकर कितनी ज्यादा खतरनाक साजिशें रचते होंगे, उस आदमी के खिलाफ जो उनके काला धन को वापस भारत लाने की कोशिश करता हो, इसका अन्दाजा भी लगा पाना सीधी सादी आम जनता के लिए मुश्किल है !
इन्ही कई साजिशों में से एक हिस्सा है, भ्रष्ट नेताओं द्वारा मीडिया के माध्यम से यह अफवाह फैलाना कि मोदी जी, सुब्रमणियम स्वामीजी के एकदम विरोध में आ गए है क्योंकी सुब्रमणियम स्वामीजी की कार्य प्रणाली अनुशासन रहित और गैर जिम्मेदाराना है !
अरे इन मूर्ख और खुरापाती भ्रष्ट नेताओं को यह समझ में नहीं आता कि जब मुसीबत पड़ने पर चोर चोर मौसेरे भाई हो सकते हैं तो भारत माँ कि अस्मिता की रक्षा के लिए मोदी जी और सुब्रमणियम स्वामीजी जैसे बेहद सत्यवान और बलिदानी व्यक्तित्व अलग अलग कैसे हो सकते हैं ! अगर दुर्जन अपना स्वभाव नहीं छोड़ते तो सच्चे सज्जन भी इतने कट्टर होते हैं कि लाख मुसीबत पड़े या फर्जी लांछन लगे पर, वे अपने ईमानदार स्वभाव को नहीं छोड़ते !
देशभक्त नागरिक होने के नाते इन सभी व्यवहारिक सच्चाईयों का हमेशा दिमाग में रखना चाहिए और बार बार बिकाऊ मीडिया के प्रभाव में आकर खुद ही देशद्रोहियों की भाषा नहीं बोलना चाहिए !
समाज में ऐसे ढोंगी लोग हर गली मुहल्ले में मिल जाएंगे जिनसे अपने खुद के पैदा किये गए बच्चे तो सम्भल नहीं पाते, लेकिन देश के हजारों डिपार्टमेंट के लाखों एम्प्लॉईज़ से हुई हर गलती के लिए सीधे मोदी जी को दोषी साबित करने लगते हैं !
इसी वजह से कलियुग में सेवा धर्म को सबसे कठिन धर्म कहा गया है क्योंकि सेवा करने वाले कि तो, खुद गले तक पाप में डूबे लोग भी गुण दोष निकालने लगते हैं !
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